पूर्व लिट्टे नेता ने ली सांसद पद की शपथ
कोलंबो, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। चार वर्ष पहले लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे) में विभाजन करने वाले प्रसिद्ध तमिल गुरिल्ला नेता विनायगमूर्ति मुरलीधरन मंगलवार को विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद 225 सदस्यीय श्रीलंका संसद के सदस्य बन गए।
कोलंबो, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। चार वर्ष पहले लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल ईलम (लिट्टे) में विभाजन करने वाले प्रसिद्ध तमिल गुरिल्ला नेता विनायगमूर्ति मुरलीधरन मंगलवार को विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद 225 सदस्यीय श्रीलंका संसद के सदस्य बन गए।
तमिल मक्कल विदुथलाई पुलीगल ( टीएमवीपी) के प्रमुख मुरलीधरन अपने गुरिल्ला नाम करुणा से अधिक जाने जाते हैं। करुणा ने वर्ष 2004 में लिट्टे से अलग होने के बाद टीएमवीपी की स्थापना की थी। उन्होंने राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाले यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस (यूपीएफए) के सदस्य और संसद अध्यक्ष डब्ल्यू.जे.एम. लोक्कु बांदरा से शपथ ग्रहण की।
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार जहां सत्तापक्ष के सांसदों ने करुणा का स्वागत किया वहीं विपक्षी दलों-यूनाइटेड नेशनल पार्टी, मार्क्सवादी विचारधार के जनता विमुक्ति पेरामुना और लिट्टे समर्थक तमिल नेशनल एलायंस ने अपना विरोध प्रकट करने के लिए शपथ ग्रहण का बहिष्कार किया।
सरकारी गजट की अधिसूचना के अनुसार करुणा पूर्व यूपीएफए सांसद वसंथा समरसिंघे के इस्तीफे से खाली हुए स्थान को भरेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।