जर्मन कंपनी एचआरई को वित्तीय राहत पहुंचाने की नई कोशिश (लीड-1)
बर्लिन, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। जर्मनी के वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि पश्चिमी देशों के बैंकों की माली हालत की वजह से संकट में पड़ी कंपनी 'हाइपो रीयल एस्टेट' (एचआरई) को वित्तीय राहत पहुंचाने की कोशिश नए सिरे से की जाएगी।
जर्मन वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता टोर्सटेन अल्बिग ने कहा, "हमें पता लगाना होगा कि बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है।"
गौरतलब है कि एचआरई ने सरकार से वित्तीय राहत की मांग की थी, लेकिन शनिवार को उसे मायूसी हाथ लगी थी।
जर्मनी की प्रमुख मोर्टगेज ऋणदाता कंपनी एचआरई ने कहा कि कुछ अन्य वित्तीय संस्थानों से मिलने वाले ऋण की अवधि भी अब समाप्त हो चुकी है। स्थानीय अखबारों का कहना है कि जर्मनी के बैंक महसूस करने लगे हैं कि एचआरई का संकट अनुमान से कहीं ज्यादा गहरा है।
गौरतलब है कि एचआरई कुछ महीने पहले न्यूयार्क से शुरू हुए वैश्विक वित्तीय संकट का शिकार होने वाली पहली जर्मन कंपनी है। जर्मन सरकार और वहां के बैंकों ने सोमवार को घोषणा की थी कि एचआरई को कम अवधि वाले ऋणों की उपलब्धता फिर से शुरू करने के लिए 35 अरब यूरो (50 अरब डॉलर) की गारंटी दी जाएगी।
मूल राहत पैकेज में अल्पावधि के लिए 15 अरब यूरो और लंबी अवधि की वित्तीय जरूरतों के लिए अगले वर्ष के मध्य तक कुल 35 अरब यूरो की जरूरत बताई गई थी।
दो जर्मन अखबारों ने रविवार को अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा कि एचआरई की समस्या की गंभीरता के मद्देनजर प्रमुख स्थानीय बैंकों ने कंपनी को सहायता देने से इंकार कर दिया है।
अखबारों की रिपोर्टों के मुताबिक सबसे बड़े जर्मन बैंक 'ड्यूश बैंक' ने अपनी जांच में पाया है कि एचआरई को योजना में तय राशि से कहीं ज्यादा धन की जरूरत है। अखबार के मुताबिक इस वर्ष के अंत तक एचआरई का घाटा 50 अरब यूरो तक पहुंच जाएगा। वर्ष 2009 के अंत तक कंपनी का कुल घाटा 70-100 अरब यूरो तक जा पहुंचने की आशंका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।