'प्रलयंकारी रूप है कोसी का'
मुरलीगंज (बिहार), 29 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के उत्तरी इलाकों में कोसी नदी ने जैसे प्रलय मचा दिया है। मधेपुरा जिला के मुरलीगंज के बीस वर्षीय महेश और नरेन्द्र राय का कहना है कि कोसी के बारे में उन्होंने जो कुछ भी सुना है, उससे भी भयावह रूप वे इस बार अपनी आंखों से देख रहे हैं।
मुरलीगंज (बिहार), 29 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के उत्तरी इलाकों में कोसी नदी ने जैसे प्रलय मचा दिया है। मधेपुरा जिला के मुरलीगंज के बीस वर्षीय महेश और नरेन्द्र राय का कहना है कि कोसी के बारे में उन्होंने जो कुछ भी सुना है, उससे भी भयावह रूप वे इस बार अपनी आंखों से देख रहे हैं।
महेश के पिता जो लगभग 40 वर्ष के हैं, उन्होंने भी कोसी का ऐसा प्रलयंकारी रूप नहीं देखा था। नरेन्द्र ने आईएएनएस को बताया, "यदि मैं जीवित बच जाता हूं तो बाढ़ की विनाशकारी लीला मेरी स्मृति में बनी रह जाएगी। मैं यह कहानी अपनी आने वाली पीढ़ी को सुनाऊंगा। "
मुरलीगंज में नरेन्द्र जैसे हजारों लोग हैं, जो बाढ़ के कारण बुरी तरह भयभीत हैं। मुरलीगंज को पूर्णिया जिले से जोड़ने वाली सड़क पर नरेन्द्र और महेश ठिकाना बनाए हुए हैं।
महेश ने कहा कि उन्होंने बुजुर्गो से सुना था कि कोसी बिहार के लिए शोक है, लेकिन इस बार उन्होंने देख लिया कि आखिर इसे शोक क्यों कहा जाता है।
महेश ने कहा कि उसने कोई पहली बार बाढ़ नहीं देखी है, लेकिन इस बार वह जो कुछ भी देख रहे हैं, उसे वह कभी भूल नहीं पाएंगे। मुरलीगंज क्षेत्र में बड़ी संख्या में युवा लाल रंग की पगड़ी बांधे हुए हैं, जो यह बताता है कि वे खतरे में हैं।
युवाओं के अलावा भी कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कोसी का यह रूप पहले कभी नहीं देखा था। इसमें 50 वर्षीय भूपेन्द्र राय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोसी के इस प्रलयंकारी रूप को वे पहली बार देख रहे हैं, यहां तक की उनके 70 वर्षीय पिता ने भी ऐसा नजारा नहीं देखा था।
भूपेन्द्र ने बताया, "प्रत्येक वर्ष हम बाढ़ की चपेट में आते हैं, लेकिन इस बार कोसी ने रास्ता बदलकर एक नई कहानी गढ़ दी है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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