लता अलंकरण समारोह में नितिन मुकेश ने छेड़ा तराना
इंदौर, 19 मई (आईएएनएस)। इंदौर का नेहरू स्टेडियम रविवार की रात पाश्र्व गायक नितिन मुकेश के सुरों से गूंज उठा। उन्होंने पिता मुकेश के गीतों को आवाज देकर लता मंगेशकर अलंकरण उन्हें समर्पित कर दिया।
मध्य प्रदेश शासन का राष्ट्रीय लता मंगेशकर अलंकरण संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से ग्रहण करने के बाद नितिन भाव विभोर हो गए और उन्होंने इन भावनाओं को गीतों के जरिए व्यक्त किया।
नितिन मुकेश सिने जगत की वह 24वीं हस्ती हैं जिन्हें इस सम्मान से विभूषित किया गया हैं। सम्मान मिलने के बाद उन्होंने कहा कि वह लगभग 58 साल के हो चुके हैं और पहली बार किसी शासन द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया हैं। उन्होंने कहा, "अब तक 23 महान लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका हैं और मुझे यह सम्मान मिलने पर गौरव महसूस हो रहा हैं।" नितिन मुकेश ने मध्य प्रदेश से अपने जुड़ाव की भी चर्चा की।
इस मौके पर उन्होंने पिता मुकेश के गीत 'मैं खुश हूं मेरे आंसुओं पै न जाना' गाकर सभी का दिल जीत लिया। जब उन्होंने 'जीना यहां मरना यहां' की तान छेड़ी तो लोग उस दौर में खो गए जब मुकेश के इस गीत ने धूम मचा रखी थी।
इस मौके पर राज्य के संस्कृति व जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने घोषणा की कि अगले साल लता अलंकरण का रजत जयंती वर्ष हैं इसलिए समारोह सात दिन का होगा। उन्होंने सरकार द्वारा संस्कृति के बढ़ावे के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने नितिन मुकेश को दो लाख रुपये, शॉल श्रीफल और प्रशस्ति पट्टिका भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसार पर संस्कृति सचिव मनोज श्रीवास्तव ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया और संचालक पवन श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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