अहमदीनेजाद की भारत यात्रा से रुके समझौतों में प्रगति की संभावना
नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। ईरान के राष्ट्रपति अहमदीनेजाद मंगलवार को भारत में कुछ घंटों के लिए ठहरेंगे। लेकिन इस पर भारत ही नहीं बल्कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया की नजरें लगी होंगी।
गौरतलब है कि ईरान में तीन वर्ष पूर्व सत्ता में आने के बाद नेजाद की यह पहली भारत यात्रा है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के ठंडे बस्ते में जाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की जरूरत के लिए ऊर्जा संसाधनों के वैकल्पिक उपायों के लिए ईरान को महत्वपूर्ण मान रहे हैं।
अमेरिका द्वारा बंद किए गए तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन का रास्ता साफ हो जाने के बाद भारत अब 7 अरब डालर की लागत वाली ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इसके लिए तेहरान से कीमतों और पाकिस्तान से पारगमन शुल्क के मुद्दे पर वार्ता जारी है।
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के तेल मंत्रियों की पिछले हफ्ते इस्लामाबाद में एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने और 2010 तक पाइपलाइन का निर्माण शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
ईरान के पास दुनिया का दूसरे नंबर का प्राकृतिक गैस और तीसरे नंबर का तेल भंडार है। ईरान पश्चिमी देशों द्वारा उसके परमाणु कार्यक्रमों पर आपत्ति करने और उस पर प्रतिबंधों की मांग का सामना करने के लिए भारत का सहयोग चाहता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।