शिवानी मर्डर केस में रविकांत दोषी

By Staff
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Shivani Bhatnagar
नई दिल्ली, 19 मार्चः इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार शिवानी भटनागर की पूर्वी दिल्ली के उसके अपार्टमेंट में हत्या किए जाने के मामले में आरोपी (निलंबित) आईपीएस अधिकारी रविकांत शर्मा और अन्य तीन को अदालत ने आज दोषी करार दिया.

गौरतलब है कि नौ साल पहले पत्रकार शिवानी की हत्या के समय शर्मा हरियाणा में आईजी थे. 20 मार्च को सजा सुनाई जाएगी. उन्हें मौत की सजा या उम्रकैद हो सकती है. रविकांत शर्मा और प्रदीप शर्मा के अलावा आईपीसी की धारा-302 (हत्या) के तहत अन्य दो लोग सत्यप्रकाश और श्रीभगवान को भी दोषी पाया गया है जबकि मामले में अभियुक्त वेद प्रकाश शर्मा और वेद प्रकाश उर्फ कालू को बरी कर दिया गया.

अडिशनल सेशन जज राजेंद्र कुमार शास्त्री ने सुनवाई के बाद सभी पक्के परिस्थितिजन्य प्रमाणों के आधार पर यह माना कि शर्मा शिवानी की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता थे और 'हुडा' के पूर्व क्लर्क प्रदीप शर्मा ने शिवानी की हत्या की. कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार कर लिया कि शिवानी और शर्मा में 'नजदीकी संबंध' थे.

शिवानी ने शर्मा को कथित तौर पर बेनकाब करने की धमकी दी और शर्मा ने इस संबंध को खत्म करने के लिए शिवानी की हत्या करवा दी.अभियोजन पक्ष के मुताबिक, शिवानी के आर. के. शर्मा से काफी नजदीकी संबंध थे. शर्मा 2 जुलाई 1997 से लेकर 23 अप्रैल 1998 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में ओएसडी पद पर रहे.

उसी दौरान शिवानी पीएमओ कवर करती थीं. शिवानी ने शर्मा से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी प्राप्त कर लिए थे. उसके बाद शर्मा का मुंबई एयर इंडिया में डायरेक्टर विजिलेंस के पद पर ट्रांसफर हुआ. उसके बाद शिवानी तीन महीने के लिए लंदन चली गईं. वह 8 मार्च 1998 से लेकर 7 जून 1998 तक वहां रुकीं. उन्होंने वहां से शर्मा से फोन पर बात की.

शिवानी ने 19 अक्टूबर 1998 को करोल बाग के एक प्राइवेट अस्पताल में बच्ची को जन्म दिया. बच्ची होने की सूचना शर्मा को फोन पर दी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, उसके बाद शर्मा ने शिवानी की अनदेखी शुरू कर दी थी. शिवानी को यह नागवार गुजरा. उन्होंने शर्मा को बर्बाद करने की धमकी दे डाली. उसके बाद शर्मा ने शिवानी को रास्ते से हटाने की साजिश रची.

शर्मा ने इस साजिश में श्रीभगवान, सत्यप्रकाश, वेदप्रकाश शर्मा और वेद प्रकाश उर्फ कालू को भी शामिल कर लिया. अभियोजन पक्ष का यह भी कहना है कि शर्मा ने ही अपने साथियों को वह फ्लैट दिखाया था, जिसमें शिवानी अपने पति राकेश भटनागर के साथ रहती थी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक प्रदीप शर्मा अपार्टमेंट के मेन गेट पर रखे रजिस्टर में राजीव भटनागर के नाम से एंट्री करके अंदर गया था.

उसके वक्त उसके दो साथी बाहर खड़े होकर उसका इंतजार कर रहे थे.शर्मा इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करेंगे. शर्मा के वकील एसपी मिनोचा ने कहा कि वे निश्चित तौर पर इस निर्णय के खिलाफ अपील करने जा रहे हैं. हालांकि उन्होंने अपील के संभावित आधारों के बारे में कुछ नहीं कहा है.

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