राष्ट्रीय. मॉरीशस नीतीश बिहार दो अंतिम हरिगांव
... ..सांध्य दैनिको को रिपीट.. बाद में मारीशस के डा.रामगुलाम ने भी बिहार के लोगोंं से अपने मेहनती स्वभाव को बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें विश्वास है कि बिहार के लोग अपनी कड़़ी मेहनत के बूते राज्य को एक दिन विकसित प्रदेश बनायेंगे1 उन्होंने कहा कि किसी को कभी भी अपने भाग्य को कमजोर नहीं समना चाहिए 1 बिहार के लोग स्वभाव से मेहनती और समर्पित होते हैं और वे चाहे तो किसी भी कठिन कार्य को आसान कर सकते हैं1 इसलिए विश्वास है कि मारीशस की तरह यहां के लोग भी तरक्की करेंंगे
डा0 रामगुलाम को देखने के लिए उदवंतनगर ् तेतरिया ् बिहिया ्मसाढ़ ् कौरा ् मलथर जैसे कई गांवों से बच्चे ् बूढ़े और नौजवानकरीब आठ से दस किलोमीटर पैदल चलकर हरिगांव पहुंचे थे
डा.रामगुलाम की एक लक देखने के लिए लोग काफी उतावले थे
भोजपुरी में डा. रामगुलाम के सम्बोधन और मारीशस में उनकी तथाउनके पिता सर शिव सागर रामगुलाम की सफलता की चर्चा तो लोगउनके जाने के बाद भी करते थक नहीं रहे थे
डा.रामगुलाम के स्वागत में स्थानीय स्कूल के हजारों स्कूली बच्चे भारत और मॉरीशस का राष्ट्रीय ध्वज लेकर हेलीपैड से लेकर समारोह स्थल तक करीब तीन किलोमीटर सडक के दोनों आेर खडे थे
हरिगांव को दुल्हन की तरह सजाया गया था और रास्ते में जगहजगहपर तोरणद्वार बनाये गये थे जिनपर ..धन्यवाद और फिर आने का..नारालिखा गया था 1 शिवा.आशा.रमेश2246वार्ता