संविधान में मंति्रपरिषद में संसदीय सचिव शामिल नहीं ...भाभडा
जयपुर 20 फरवरी.वार्ता. राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और आर्थिक नीति एवं सुधार परिषद के उपाध्यक्ष हरिशंकर भाभडा नेराज्य मंत्रिमंडल में निर्धारित संख्या से अधिक मंत्री एवं संसदीय सचिवसम्बंधी विवादास्पद मुद्दे पर कहा है कि संविधान में कहीं भी मंत्रिपरिषदमें संसदीय सचिवों के शामिल होने का उल्लेख नहीं है
श्री भाभडा ने आज यहां जारी बयान में इस सम्बंध में विपक्ष के नेताओं के वक्तव्य को जनता में भ्रम फैलाने वाला बताया है और कहा है कि संवैधानिक व्यवस्था इतनी स्पष्ट होने के बावजूद विधानसभा कीकार्यवाही में अवरोध उत्पन्न करना किसी भी हालत में सही नहीं ठहराया जा सकता
इस बहुचर्चित मामले पर संवैधानिक एंव कानूनी पक्ष का विस्तार से खुलासा करते हुये श्री भाभड़ा ने कहा कि इस सम्बंध में दो प्रकार के दृष्टिकोण है1 एक तो संविधान में संशोधन संख्या 51 एक्ट 2003 केअनुसार केन्द्रीय सरकार के लिये अनुच्छेद 75 एवं राज्य सरकार के लिये अनुच्छेद 164 के अन्तर्गत मंत्रियों की अधिकतम संख्या निर्धारित की गई है
इसका अभिप्राय यह है कि केन्द्र में प्रधानमंत्री सहित संसद सदस्यों और विधानसभाओं में राज्य के मुख्यमंत्री सहित विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के पन्द्रह प्रतिशत सदस्य मंत्रिमंडल के सदस्य हो सकते हैं1 इसमें कहीं भी संसदीय सचिव का उल्लेख नहीं किया गया है कि वे मंत्रिपरिषद के सदस्यों की गिनती में आते हैं1 अनुच्छेद 75 एवं 164 स्पष्ट है और इसमें भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है1 श्री भाभड़ा ने कहा कि इस सम्बंध में विपक्षी नेताआें ने अनुच्छेद 201 का उल्लेख किया है जिसमें केवल मात्र विधायिका को यहअधिकार दिये गये हैं कि वे अपने कार्य के संपादन के लिये विधान केअंतर्गत नियम बना सकते हैं जिनसे विधायिका संचालित होगी1 इसमेंकहीं भी संसदीय सचिव का उल्लेख नहीं है1 जहां तक संविधान का सम्बंध है कहीं भी मंत्रिपरिषद में संसदीय सचिवों का शामिल होने काउल्लेख नहीं हैं1 इसलिये इस मामले में संवैधानिक स्थिति स्पष्ट हैं
बत्रा शिव मनोरंजन 121
जारी.वार्ता.