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विश्व के उभरते देशों के शेयर बाजारों में विदेश निवेशकों के लिए भारत सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्रों में रहा और इसी का परिणाम रहा कि इस वर्ष इनका निवेश 17 अरब डालर पर पहुंच गया . जो पिछले साल के मुकाबले दो गुने से काफी अधिक है
कारोबार के दौरान लघु और मोली कंपनियों को मिले जोरदार समर्थन का असर इतना अधिक था कि 2930 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ .जिनमे 2551 में लाभ रहा1 मात्र 363 कंपनियों के शेयर नीचे आये और 16 में स्थिरता रही 1 सेंसेक्स की तीस कंपनियों में नफा.नुकसान की संख्या क्रमश 19 तथा 11 थी
शेयर बाजारों की तेजी ने इस वर्ष कई कंपनियों के शेयरों को आसमान पर पहुंचा दिया1 इंजीनियरिंग क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एलऐंड टी का शेयर इस वर्ष करीब तीन गुना बढकर 4190 पए के करीब पहुंच गया1 सात विदेशी निवेशकों के दूरसंचार क्षेत्र की अग्रणी निजी कंपनी भारती के टावर कारोबार में एक अरब डालर के निवेश से नौ प्रतिशत हिस्सा खरीदने की खबरों से इसका शेयर 5.72 प्रतिशत अर्थात 53.85 पए बढकर 994.55 पए पर बंद हुआ1 ऊर्जा क्षेत्र की एनटीपीसी में 250.05 पए पर 8.65 पए अर्थात 3.58 प्रतिशत की बढत रही
सेंसेक्स के फायदे वाले पहले दस शेयरों में इसके अलावा महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा . रैनबैक्सी लैब . आईटीसी . रिलायंस कम्युनिकेशंस . एसीसी लिमिटेड. टाटा मोटर्स . डीएलएफ और हिंडाल्को शामिल थे
नुकसान वाली श्रेणी में सर्वाधिक गिरावट आवास रिण की अग्रणी एचडीएफसी के शेयर में रही1 कंपनी का शेयर 1.76 प्रतिशत अर्थात 51.45 पए के नुकसान से 2872.45 पए रह गया1 सीमेंट कंपनी गुजरात अम्बुजा में 146.90 पए पर 1.54 प्रतिशत अर्थात 2.30 पए का नुकसान हुआ
आईटी वर्ग की दूसरी बडी कंपनी इन्फोसिस टेकनोलोजीस का शेयर 1.52 प्रतिशत 27.35 पए टूटकर 1768.40 पए रह गया 1 विप्रो में 525.60 पए पर 4.35 पए निकल गए
सिप्ला लिमिटेड. रिलायंस एनर्जी . हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड . रिलायंस इंडस्ट्रीज . एसबीआई और एचडीएफसी बैंक घाटे वाले पहले दस शेयरों में रहे
मिश्रा.कैलाश नंद1704 वार्ता