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Opal: ओपल दूर करता है पति-पत्नी के बीच की खटास

By Pt.gajendra Sharma
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नई दिल्ली। दांपत्य जीवन सफल तभी कहा जा सकता है जब पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम हो। दोनों में अच्छा तालमेल हो और दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझते हों। लेकिन अक्सर देखने में आता है कि शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी में छोटी-मोटी बातों को लेकर विवाद शुरू हो जाते हैं। छोटी-छोटी बातों से शुरू होकर ये विवाद कई बार बड़ा रूप भी ले लेते हैं और नौबत विवाह विच्छेद तक आ जाती है। आइए जानते हैं दांपत्य जीवन को सफल बनाने के लिए ज्योतिषीय उपाय क्या किए जा सकते हैं।

ओपल रत्न शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है

ओपल रत्न शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाता है

दांपत्य जीवन, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण और भौतिक सुख-सुविधाओं का ग्रह है शुक्र। इसका प्रतिनिधि रत्न होता है हीरा। लेकिन हीरा सभी लोगों को सूट नहीं करता इसलिए उसके अल्टरनेट के तौर पर उपरत्न ओपल या जरकन धारण करवाया जाता है। इनमें भी ओपल रत्न पति-पत्नी के बीच चल रहे क्लेश को दूर करता है ओपल रत्न शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। हिंदी में ओपल को दूधिया पत्थर के नाम से भी जाना जाता है। ओपल पहनने से पति-पत्नी और प्रेमी-प्रेमिका के बीच यदि खराब संबंध है तो वह शीघ्र ठीक हो जाते हैं। दोनों के बीच प्रेम में वृद्धि होती है।

ओपल किसे पहनना चाहिए

ओपल किसे पहनना चाहिए

ज्योतिष के अनुसार ओपल रत्न शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। जिस जातक की जन्मकुंडली में तुला तथा वृषभ लग्न हो या जिनकी जन्मराशि तुला या वृषभ हो वह ओपल रत्न पहन सकता है। साथ ही जिनकी कुंडली में शुक्र योगकारक ग्रह के रूप में हों उन्हें ओपल जरूर धारण करना चाहिए। कर्क लग्न और मकर लग्न की जन्मकुंडली में शुक्र योगकारक ग्रह हो सकता है अन्य लग्न की कुंडली में नहीं। अत: इस लग्न की कुंडली वाले ओपल रत्न पहन सकते हैं।

ओपल पहनने से लाभ

ओपल पहनने से लाभ

  • दांपत्य जीवन , पति पत्नी में यदि अकारण क्लेश, दरार या तलाक की स्थिति आने लगे तो उस ओपल रत्न धारण करने से कड़वाहट को शीघ्र दूर किया जा सकता है।
  • ओपल पहनने से यौन शक्ति में वृद्धि होती है, क्योंकि यह शुक्र का कारक ग्रह है और शुक्र वीर्य का कारक है।
  • सौंदर्य शक्ति में वृद्धि करता है। इसकी वृद्धि से व्यक्ति में स्वयं ही आकर्षण शक्ति विकसित होने लगता है।
  • यह रत्न मानसिक स्तर की भी वृद्धि करता है। जो व्यक्ति निराश और थका हुआ महसूस करता है वह यदि ओपल पहनता है तो उसमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है।
  • ओपल पहनने से व्यक्ति में आध्यात्मिकता तथा सात्विक चिंतन का विकास होता है।
  • आर्थिक समृद्धि, मान सम्मान, लोकप्रियता के साथ-साथ, शारीरिक तंदुरुस्ती भी प्रदान करता है।
  • यह मन को शांत, एकाग्र एवं रचनात्मक विचारों को बढ़ाता है तथा बुरे स्वप्न से भी दूर रखता है।
  • कोर्ट कचहरी के मुकदमों में ओपल पहनने से जीत मिलती है।
  • यात्रा, पर्यटन और आयात/निर्यात के व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए यह विशेष लाभदायी होता है।
  • ओपल रत्न महिलाओं तथा पुरुषों के निजी जीवन में प्यार और रोमांस को पुनर्जीवित करता है।
  • शुक्र ग्रह से जुड़े काम जैसे अभिनय, टीवी, फिल्म, थिएटर में काम कर रहे कलाकारों तथा कंप्यूटर, आईटी आदि से जुड़े काम वाले व्यक्तियों को यह उपरत्न पहनना चाहिए।
  •  ओपल पहनने की विधि

    ओपल पहनने की विधि

    ओपल को धारण करने के लिए किसी भी माह में शुक्ल पक्ष का शुक्रवार दिन ठीक रहता है। इस दिन इसे सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में धारण करना चाहिए। पहनने से पहले इसे कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लेना चाहिए। पुन: शुद्ध करके अंगूठी को सफेद कपड़े के ऊपर रख लें और शुक्र के मंत्र ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: की एक माला से अभिमंत्रित करके अंगूठी को पहन लेना चाहिए।

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English summary
Precious opal shows a variable interplay of internal colors, here is The advantages and disadvantages of wearing Opal.
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