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Shani Amavasya 2018: शनैश्चरी अमावस्या पर करें ये काम, हर समस्या का होगा समाधान

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। जन्म कुंडली में पितृदोष और कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति का जीवन संकटपूर्ण बना रहता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में कुछ भी ठीक नहीं चलता। ना उसके बिजनेस में लाभ मिलता है और ना ही नौकरी में तरक्की कर पाता है। बार-बार बीमारियों पर खर्च होता है। परिवार में अक्सर वाद-विवाद बना रहता है। यहां तक कि ऐसे दोष वाले कई व्यक्तियों को संतानहीन भी देखा गया है। यदि आप भी इसी तरह के दोषों से परेशान हैं और उनका निवारण नहीं हो पा रहा है तो 17 मार्च को आ रहा है बड़ा दिन।

पितृदोष, कालसर्प दोष और शनि से जुड़ी पीड़ा हो तो

पितृदोष, कालसर्प दोष और शनि से जुड़ी पीड़ा हो तो

17 मार्च 2018 शनिवार को शनैश्चरी अमावस्या आ रही है। पितृदोष, कालसर्प दोष और शनि से जुड़ी पीड़ा को शांत करने के लिए यह दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैया से परेशान व्यक्ति भी उपाय करेंगे तो उनके जीवन से संकटों की विदाई हो जाएगी।

 पितृदोष से मुक्ति के लिए

पितृदोष से मुक्ति के लिए

यदि आपकी जन्म कुंडली में पितृदोष है तो शनैश्चरी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें। इसके बाद उसी के किनारे बैठकर पितरों के निमित्त पिंड दान, तर्पण किसी पंडित के माध्यम से करवाएं। पितृदोष तब लगता है जब अपने पूर्वजों की कोई इच्छा अधूरी रह जाती है, या उनका उत्तर कर्म ठीक से नहीं हो पाता है। ऐसे में पितरों के नाम से उनकी पसंद की वस्तुओं का दान भी किया जाता है। अपनी श्रद्धानुसार गरीबों को भोजन, वस्त्र, कंबल, चप्पल, छाते आदि भेंट करें।

कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए

कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए

यदि आपकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष है तो शनैश्चरी अमावस्या के दिन प्रातः स्नान करके अपने पूजा स्थान में बैठकर पितृ स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद शिव मंदिर में जाकर कच्चा दूध, गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें। वहीं बैठकर महामृत्युंजय मंत्र की एक या पांच माला जाप करें। किसी ऐसे शिवलिंग पर तांबे या पीतल का सर्प लगवाएं जहां लगा हुआ नहीं हो। शाम के समय पीपल के वृक्ष में कच्चा दूध चढ़ाकर उसके नीचे आटे के पांच दीपक लगाएं। इससे काफी हद तक कालसर्प दोष की शांति होती है। उसके क्रूर प्रभाव कम होते हैं।

शनि की शांति के लिए उपाय

शनि की शांति के लिए उपाय

शनि वर्तमान में धनु राशि में चल रहे हैं। इसलिए वृश्चिक को शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण, धनु को द्वितीय और मकर को प्रथम चरण चल रहा है। इन तीन राशि वाले लोग शनैश्चरी अमावस्या के दिन शनि मंदिर में सात सूखे नारियल एक काले कपड़े में बांधकर अर्पित करें। शनि चालीसा का पाठ करें। भूखे लोगों को इमरती खिलाएं और यथा शक्ति वस्त्र, कंबल आदि दान करें। इस दिन व्रत रखें।

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English summary
In March 2018, the day of Amavasya is on Saturday, 17th March 2018. Here is some important facts avout shanidev.
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