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Shani Dev अगर दण्ड देते हैं तो प्यार भी करते हैं, जानिए उनके बारे में रोचक जानकारी

न्याय के अधिष्ठाता शनि देव के प्रकोप से राजा हो या रंक हर कोई भयभीत रहता है। शनि देव अगर दण्ड देते हैं तो प्यार भी करते है। जब शनि देव की कृपा बरसती है तो रंक को राजा बना देते है और जब तिरछी नजर पड़ती है

By पं. अनुज के शुक्ल
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Shani Dev

लखनऊ। न्याय के अधिष्ठाता शनि देव के प्रकोप से राजा हो या रंक हर कोई भयभीत रहता है। शनि देव अगर दण्ड देते हैं तो प्यार भी करते है। जब शनि देव की कृपा बरसती है तो रंक को राजा बना देते है और जब तिरछी नजर पड़ती है तो राजा को भी रंक बना देते है। क्या आप जानते है, शनिदेव की कौन राशियाॅ होती है, किस राशि में उच्च का और किस राशि में नीच का फल देते है, कौन से नक्षत्र शनि के अधिकार क्षेत्र में आते है, शनि की गति क्या है ? शनि एक राशि में कितने वर्षो तक रहते है ? शनि का वाहन आदि क्या है आदि ?

शनि की दो राशियाॅ होती है मकर और कुम्भ। मकर एक चर राशि है व सम राशियों की श्रेणी में आती है। शरीर में यह मुख्य रूप से घुटनों का प्रतीक होती है। यह एक स्त्री राशि भी जिस पर सूर्य 25 दिन 24 घटी तक भ्रमण करता है। वात प्रकृति, रात्रिबली, वैश्य जाति और दक्षिण दिशा की स्वामी होती है। शनि की दूसरी राशि कुम्भ होती है। कुम्भ विषम राशि, पुरूष प्रधान, स्थिर स्वभाव, दिनबली, पश्चिम दिशा की स्वामी, क्रूर स्वभाव, धर्म प्रिय और शूद्र की प्रथम सन्तान कहा गया है। शनि के मित्र बुध व शुक्र ग्रह है। अतः इनकी राशियाॅ भी शनि की मित्र हुयी। जैसे-मिथुन, कन्या, वृष व तुला राशि। तुला राशि में शनि उच्च अवस्था में रहता है। शनि बुध के साथ हो तो सात्विक गुण, शुक्र के साथ हो तो राजसिक गुण और सूर्य व चन्द्र के साथ रहने पर शत्रुवत व्यवहार करता है।

  • शनि एक राशि में ढाई वर्ष रहता है और पूरे भचक्र को पूरा करने में 29 वर्ष 5 माह और 17 दिन लगाता है। शनि की तीन दृष्टियाॅ होती है, तीसरी, सातवीं और दशवीं दृष्टि से शनि देखता है। शनि जिस भाव में बैठता है उस भाव की वृद्धि कराता है और जॅहा पर दृष्टि डालता है उसकी हानि करता है।
  • शनि का वाहन ''गीध'' नामक पक्षी है, जिसका स्वभाव आलसी, अधिक भोजन करने वाला, स्वार्थी, माॅसप्रिय, दूर दृष्टि व तामसिक प्रवृत्ति वाला होता है। इसी कारण वश शनि से प्रभावित लोगों में आलस्य, तामसी प्रकृति आदि लक्षण होते है।
  • शनि की दैनिक गति 10 घण्टा 16 मि0 है और यह पृथ्वी से 85 करोड़ मील दूर पर भ्रमण कर रहा है। शनि की महादशा 19 वर्ष रहती है।
  • शनि तुला राशि में उच्च का होता है एंव मंगल की राशि मेष में नीच का होता है। कुम्भ राशि इसकी त्रिकोण राशि है। शनि तुला राशि में 20 अंश पर उच्च का होता है एंव कुम्भ राशि में 1 अंश से 20 अंश तक मूलत्रिकोण में रहता है। शनि का पुष्य, अनुराधा व उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों पर अधिकार रहता है। शनि के देवता ब्रहमा है, रत्न नीलम है और उपरत्न लाजवर्त, नीली, नीला हकीक है।

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English summary
Shani Dev - Here is Some Important Facts about SHANI Dev in Hindi. Lord Shani Devi is son of Lord Suryadev and rules planet Saturn and weekday Saturday.
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