भाग्यांक 3 वाले होते हैं राजसी
भाग्यांक जानने के लिये, जन्म तिथि, जन्म मास और जन्म वर्ष की आवश्यकता होती है।
उदाहरणः
माना
किसी
जातक
का
जन्म
26
नवम्बर
1980
को
है,
तो
उस
जातक
का
भाग्यांक
निम्नलिखित
तरीके
से
निकाला
जा
सकता
है।
जन्म
तारीख,
जन्म
मास
और
जन्म
वर्ष=
भाग्यांक
जन्म
तारीख,
26=2+6=8
जन्म
मास,
11=1+1=2
जन्म
वर्ष,
1980=1+9+8+0=18=1+8=9
तो
इस
प्रकार
इस
जातक
का
भाग्यांक=
8+2+9=19=1+9=10=1+0=1
भाग्यांक
3
भाग्यांक
3
वाले
व्यक्ति
कों
का
जीवन
गुरू
ग्रह
से
प्रभावित
रहता
है।
यह
व्यक्ति
बहुत
निर्णायक,
धार्मिक,
सात्विक,
दार्शनिक,
रसायन
व
भौतिक
शास्त्री
व
एक
शोधकर्ता
होते
है।
वैसे
ये
लोग
बहुत
कम
राजसी
व
तामसी
प्रकृति
के
होते
है।
इसलिए
ऐसे
जातक
मूलतः
शान्त
प्रकृति
के
होते
है।
आप-अपनी
प्रवृत्तियों
के
अनुसार
किसी
के
विरूद्ध
होने
से
डरते
नहीं
है,
आप-अपने
विचारों
से
अपना
स्थान
स्वंय
निर्धारित
कर
लेंगे।
आप में दया के भाव कूट-कूट के भरे होंगे, इसलिए आप किसी के दुःख को देख नहीं पायेंगे। यदि आप सामाजिक कार्यो में हिस्सा लेंगे तो आप सफलता के चरम तक भी पहॅुच सकते है। कभी-कभी आप धन अर्जित करने के लिये इतना बेताब हो जाते है कि अनैतिक कार्य करने में भी हिचकिचायेंगे नहीं। यदि आप किसी उच्च पद पर आसीन हो जायें तो रिश्वत लेंने में काफी सावधानी बरतें अन्यथा मुसीबत में फॅस सकते है।
कैरियर-
अध्यापन
कार्य,
लेखन
कार्य,
पुलिस
की
नौकरी,
वकालत,
जज,
क्लर्क,
सचिव,
नेवी
की
नौकरी,
कान,
नाक
के
डाक्टर,
एम.बी.ए
आदि
क्षेत्रों
में
अपना
कैरियर
सुनिश्चित
कर
सकते
है।
व्यवसाय-
सम्पादन
कार्य,
थोक
विक्रेता,
पूजन
भण्डार,
पान
की
दुकान,
मिठाई
की
दुकान,
इत्र
का
कार्य,
फिल्म
मेकर,
भूमि
का
क्रय
व
विक्रय,
आभूषण
के
विक्रेता,
पीली
वस्तुओं
का
व्यापार,
वक्ता,
नेता,
शिक्षा
और
शेयर
आदि
का
व्यवसाय
आप
अपना
सकते
है।
भाग्यशाली
वर्ष-
आपके
जीवन
में
जब-जब
3,
1,
6,
9,
इन
अंको
का
योग
आयेगा
या
फिर
ये
आमने-सामने
आयेंगे,
तो
वह
वर्ष
आपके
लिए
विशेष
लाभकारी
रहेंगे।
अनुकूल
नगर-
रायपुर,
रावलपिण्डी,
रामपुर,
रंगून,
राउरकेला,
बड़ौदा,
अहमदाबाद,
फैजाबाद,
हरियाणा,
कलकत्ता
और
पंजाब
आदि
नगर
आपके
लिये
शुभ
रहेंगे।
अनुकूल
देश-
नेपाल,
हालैण्ड,
इंगलैण्ड,
डेनमार्क,
न्यूयार्क,
आस्ट्रेलिया,
कम्बोडिया,
न्यूजीलैण्ड,
बर्लिन,
कनाडा
आदि
देश
आपके
लिए
लाभकारी
रहेंगे।
घर
का
मुख्य
द्वार-
भाग्यांक
3
वाले
व्यक्ति
यदि
अपने
गृह
का
मुख्य
द्वार
दक्षिण,
पश्चिम
या
पूर्व-उत्तर
(ईशान
कोण)
में
रखें
तो
आपके
परिवार
के
लिए
विशेष
लाभकारी
रहेगा।