PM Krishi Sinchayee : खेतों की सिंचाई के लिए 90 % तक सब्सिडी, जानिए योजना का लाभ कैसे मिलेगा
सिंचाई स्कीम में सब्सिडी के लिए केंद्र सरकार किसानों के लिए योजनाएं चला रही है। पीएम कृषि सिंचाई योजना (pm krishi sinchayee) के तहत किसान 90 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है। जानिए कैसे मिलेगी सब्सिडी
नई दिल्ली, 16 जून : खेतों में फसल की बुआई के बाद सिंचाई बड़ी चुनौती होती है। किसानों की फसलों को पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। पीएम कृषि सिंचाई योजना (pm krishi sinchayee) के तहत किसान 90 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है। पीएम कृषि सिंचाई योजना का लाभ लेने के लिए किसान ड्रिप इरीगेशन यानी टपक सिंचाई पद्धति लगाने का विकल्प अपना सकते हैं। टपक सिंचाई के अलावा स्प्रिंकलर सिस्टम का भी ऑप्शन मौजूद है। जानकारों की मानें तो इन तरीकों से फसलों की सिंचाई करने पर 60 से 70 फीसद तक पानी बचाया जा सकता है। जानिए पीएम कृषि सिंचाई योजना का लाभ कैसे लिया जा सकता है।
सिंचाई के लिए कहां कितनी छूट
खेतों में बुआई के बाद किसान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई के लिए अत्याधुनिक संयंत्र खरीद सकते हैं। इस योजना के तहत केंद्र सरकार सिंचाई के लिए कृषि यंत्रों की खरीद और प्रबंधन के लिए सब्सिडी देती है। केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारें भी अलग-अलग दरों पर किसानों को अनुदान दे रही हैं। सिंचाई यंत्रों पर किसानों को राजस्थान सरकार 60% तक सब्सिडी देती है। बिहार और छत्तीसगढ़ सरकार भी किसानों को सिंचाई यंत्रों की खरीद पर 75% तक छूट देती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार लघु और सीमांत किसानों को ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम खरीदने पर 80 से 90 फीसद सब्सिडी देती है।
खरीफ सीजन में पानी बचाना जरूरी
खरीफ सीजन में भारत में बड़े पैमाने पर धान और अन्य फसलों की बुआई की जाती है। बाजरा, मक्का और अन्य फसलों की भी बुआई की जाती है। धान की पारंपरिक खेती में बहुत पानी लगता है। ऐसे में सरकार ने इस साल डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (DSR) तकनीक अपनाने पर जोर दिया है। पंजाब सरकार ने प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान भी किया है। ऐसे में सिंचाई में सब्सिडी किसानों की आमदनी और मुनाफा दोनों बढ़ा सकते हैं। किसान पानी और पैसे बचाने के लिये टपक सिंचाई पद्धति या स्प्रिंकलर सिस्टम लगवा सकते हैं। इन तकनीकों की मदद से समय और धन दोनों की बचत की जा सकती है। टपक सिंचाई या स्प्रिंकलर से फसल की सिंचाई करने पर 60 से 70 फीसद तक पानी बचाया जा सकता है। फसलों की सिंचाई जरूरत के हिसाब से करने पर किसानों के उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक उछाल देखा गया है।
सिंचाई स्कीम में सब्सिडी के लिए शर्तें
केंद्र और राज्य सरकारों की सिंचाई योजनाओं के तहत सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसान नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं। सरकार सिंचाई योजनाओं की विस्तृत जानकारी के साथ इस्तेमाल के लिए ट्रेनिंग भी देती है। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसानों के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। शर्तों पर एक नजर :
- सिंचाई स्कीम में सब्सिडी का लाभ लेने वाले आवेदक किसान के पास खेती के लिए अपनी जमीन और तालाब, कुएं जैसे जल स्रोत होने चाहिए।
- सहकारी समिति के सदस्य, स्वयं सहायता समूह, कृषि कंपनी, पंचायती राज संस्था, गैर सहकारी संस्था, किसान उत्पादक संगठन और व्यक्तिगत किसान भी सिंचाई योजना में सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं।
- ऐसे किसान जो कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के तहत खेती करते हैं, उन्हें भी सिंचाई योजना में सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
- कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में लगी कंपनियां भी सिंचाई योजना में सब्सिडी का लाभ ले सकती हैं।
- बागवानी और वानिकी में लगे किसान भी सिंचाई यंत्र खरीदने और सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी सिंचाई योजना में सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
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