मोदी की नोटबंदी मुहिम का इधर दिख रहा है अच्छा असर
काला धन रखने वाले बहुत से इनवेस्टर्स ग्रे मार्केट की स्कीम्स में अपनी रकम पूल कर उसे रियल एस्टेट डिवेलपर्स, छोटी-छोटी कंपनियों या मुश्किल में फंसे लोगों को देते हैं।
नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर मची अफरा-तफरी के बीच लोगों को इस बात का भरोसा है कि आने वाले समय में सरकार का यह फैसला रंग लाएगा। लेकिन इस फैसले ने तत्काल प्रभाव से ग्रे मार्केट में उधार रकम देने वाले (सूध ब्याज पर पैसा चलाने वाले) या रीयल एस्टेट में इनवेस्ट करने वाले इनवेस्टर्स को दोहरा झटका दिया है। जी हां 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने के बाद ग्रे मार्केट में उधार देने पर इंटरेस्ट बहुत कम हो गया है और रीयल एस्टेट में इनवेस्टमेंट पर डिस्काउंट देकर भी बाहर निकलना मुश्किल है।
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काला धन रखने वाले बहुत से इनवेस्टर्स ग्रे मार्केट की स्कीम्स में अपनी रकम पूल कर उसे रियल एस्टेट डिवेलपर्स, छोटी-छोटी कंपनियों या मुश्किल में फंसे लोगों को देते हैं। पहले इस रकम पर ब्याज दर ज्यादा वसूला जाता था लेकिन अब ब्याज बहुत कम हो गया है।
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अंग्रेजी अखबार The Economic Times ने उधारी देने वाले एक इनवेस्टर का बयान छापा है। इनवेस्टर ने बताया कि इसके लिए लोन के साइज और टेन्योर के आधार पर 18 से 30 पर्सेंट तक का इंटरेस्ट वसूला जाता था।' इनमें से ज्यादातर लोन नकद दिए जाते हैं और इनके लिए कोई लिखित एग्रीमेंट नहीं होता और साख पर ही उधार दिया जाता है।
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इनवेस्टर ने कहा, 'जिन लोगों ने उधार लिया था वे अब बड़े करेंसी नोटों में उसे चुकाने की पेशकश कर रहे हैं और हम पहले ही इन नोटों की वजह से फंसे हुए हैं। इस वजह से कुछ मामलों में इंटरेस्ट रेट घटकर 5 पर्सेंट या उससे भी कम हो गया है।'
प्रॉपर्टी की कीमत पर 20 प्रतिशत का डिस्काउंट
कैश के जरिए प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले इनवेस्टर्स भी रियल एस्टेट में फंस गए हैं। नोट बंद होने के केवल एक सप्ताह के अंदर इनवेस्टर्स प्रॉपर्टी के कीमत पर लगभग 20 प्रतिशत का डिस्काउंट देने के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि अगर उन्हें प्रॉपर्टी के प्राइस का 70 पर्सेंट भी चेक से मिलता है तो उनके लिए इनकम टैक्स की स्क्रूटनी में आने से बचने के लिए यह बेहतर होगा।