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जनरल बाजवा के आर्मी चीफ बनने से भारत को क्‍या होगा फायदा

पाकिस्‍तान में नए जनरल कमर जावेद बाजवा के सेना प्रमुख की जिम्‍मेदारी संभालने के साथ ही भारत की नजरें नए हालातों पर। अधिकारियों का कहना भारत के खिलाफ पाकिस्‍तान की नीति पर कुछ कहना जल्‍दबाजी।

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नई दिल्‍ली। पाकिस्‍तान में नए आर्मी चीफ के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा की नियुक्ति की गई। इस पूरे घटनाक्रम पर भारत की भी नजरें लगी हुई थीं।

पढ़ें- क्‍यों भारत के खिलाफ जंग का ऐलान कर सकते हैं बाजवा पढ़ें- क्‍यों भारत के खिलाफ जंग का ऐलान कर सकते हैं बाजवा

वहीं भारत में अधिकारियों का कहना है कि अभी यह कहना जल्‍दबाजी होगा कि नए आर्मी चीफ बाजवा भारत के खिलाफ कैसा रुख अख्तियार करते हैं।

इंडियन आर्मी के पूर्व चीफ जनरल बिक्रम सिंह का मानना है कि फिलहाल भारत को 'वेट एंड वॉच' की पॉलिसी ही अख्‍तियार करनी होगी।

पढ़ें-कौन हैं पाकिस्‍तान के नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा पढ़ें-कौन हैं पाकिस्‍तान के नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बाजवा

जनरल बिक्रम सिंह और जनरल बाजवा एक ही साथ यूएन पीस‍कीपिंग मिशन के तहत कांगो में तैनात थे। वह मानते हैं कि पीसकीपिंग मिशन और फिर देश के सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के बाद कई चीजें बदल जाती हैं।

एक नजर डालिए कि पाकिस्‍तान में बाजवा की नियुक्ति भारत के लिए कैसे और क्‍यों फायदेमंद साबित हो सकती है।

बड़ा खतरा पाक में बढ़ता चरमपंथ

बड़ा खतरा पाक में बढ़ता चरमपंथ

भारत में अधिकारी मानते हैं कि बाजवा पूरी तरह से एक प्रोफेशनल ऑफिसर हैं जिनका मकसद पाक में जन्‍मे आतंकवाद को खत्‍म करने पर रहेगा। यह कुछ हद तक सही भी नजर आता है क्‍योंकि बाजवा खुद भी यह बात कह चुके हैं कि पाकिस्‍तान में बढ़ता चरमपंथ, पाक के लिए भारत से ज्‍यादा बड़ा खतरा है।

कम हो सकता है तनाव

कम हो सकता है तनाव

वहीं अधिकारी भारत के खिलाफ रुख में किसी बदलाव की भी उम्‍मीद नहीं करते हैं। पाक मीडिया के मुताबिक लोकतंत्र में उनके नजरिए की वजह से ही उन्‍हें यह पद हासिल हुआ है। यही एक वजह भी रही कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्‍हें सेना प्रमुख के पद के तौर पर चुना।

बदलेंगे एलओसी पर हालात

बदलेंगे एलओसी पर हालात

एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि जनरल बाजवा भारत के खिलाफ पाक की नीति में कोई बदलाव नहीं करेंगे। लेकिन हो सकता है कि आने वाले दिनों में हो सकता है कि तनाव में कुछ कमी आए। उनके नेतृत्‍व में हो सकता है हालात वैसे न हों जैसे जनरल राहील शरीफ के समय में रहे।

पीएम के साथ रिश्‍ते काफी अहम

पीएम के साथ रिश्‍ते काफी अहम

जनरल बाजवा पीओके के भी विशेषज्ञ हैं और वह बलूच रेजीमेंट से आते हैं। इस वजह से माना जा रहा है कि उनका ध्‍यान ज्‍यादातर बलूच और पीओके पर होगा। भारत की सरकार इन दोनों ही मुद्दों पर पिछले कुछ दिनों से चर्चा कर रही है। लेकिन समय बीतने के साथ ही भारत के साथ दुश्‍मनी और बढ़ेगी। वहीं पीएम नवाज शरीफ के साथ जनरल बाजवा के रिश्‍ते भारत के लिए काफी नाजुक हो सकते हैं।

पाक से बातचीत की उम्‍मीद

पाक से बातचीत की उम्‍मीद

सबको मालूम है कि जनरल राहील शरीफ और पीएम नवाज के बीच रिश्‍ते काफी अच्‍छे नहीं रहे। वर्तमान समय में पाक में मौजूद तनाव भारत के लिए अच्‍छी खबर है। अगर पाक में सेना और पीएम के बीच अच्‍छे ताल्‍लुक हों तो फिर बातचीत का रास्‍ता खुलता है और तनाव कम होने की उम्‍मीदें रहती हैं। जहां पीएम नवाज शरीफ तो भारत के साथ अच्‍छे संबंध चाहते थे तो वहीं जनरल शरीफ हमेशा इसका विरोध करते आए।

English summary
Officials in India say that it is too early to comment on the appointment of General Qamar Javed Bajwa and what General Bajwa's position on India would be.
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