मिलिए समाजसेवक और युवा नेता आकाश सिंह लल्लू से, जिन्होंने कोरोना महामारी में बचाई कई जानें
आजमगढ़, 19 नवंबर। आकाश सिंह लल्लू, एक जाने माने समाजसेवी व स्वयंसेवक है जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यों से लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है। पिछले कुछ वर्षों में आकाश एक जुझारू व कर्मठ समाज सेवी के रूप में उभर कर सामने आए है। आकाश सिंह लल्लू ने कोरोना महामारी के दौरान गरीबों व जरूरतमंद लोगों की अनेक प्रकार से सहायता की। मास्क, सैनिटाइजर, राशन और जीवन रक्षक दवा इत्यादि को लोगों तक पहुंचाया और साथ ही में मंदिर, बाजार और आजमगढ़ के कई इलाकों में स्वच्छता अभियान चला कर जागरूकता के साथ लोगों की रक्षा की। महामारी के दौरान उन्होंने कई लोगों की आर्थिक मदद की थी। उनका मानना है कि जीवन में जितना हम परोपकार करेंगे, हम उतने ही कामयाब होंगे। जीवन खुद के लिए तो जीना ही चाहिए, पर जिसने जीवन को दूसरों के लिए जिया, वही जीवन के असली महत्व को समझ पाएगा।
उन्होंने खुद मार्टीनगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना की वैक्सीन लगवा कर लोगों के मन से कोरोना टीकाकरण के संदेह को दूर किया। लल्लू ने अपने को सुरक्षित करने के साथ-साथ अपने परिवार तथा समाज व देश को सुरक्षित करने का भी कार्य किया। जनता के बीच जा के इस युवा नेता व सामाजिक कार्यकर्ता ने लोगों से अपील किया कि कोरोना के विरुद्ध संघर्ष में हम सभी टीकाकरण करवा कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
इन सब के अलावा भी लल्लू हमेशा से ही समाजसेवक के रूप में सक्रिय रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए महाकुंभ में 'विश्वहिंदू परिषद' के यातायात व्यवस्था के सह संयोजक के रूप में कार्य किया। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िलें के लालगंज तहसील में जन्मे आकाश सिंह लल्लू बहुत ही कम उम्र से सार्वजनिक व सामाजिक जीवन में सक्रिय हैं। शिक्षक पिता की संतान होने के कारण आकाश का सामाजिक दायरा शुरू से ही बृहद रहा है, पिता के जनसेवा के कार्यों से प्रेरित आकाश के मन में भी पिता की ही भांति गरीब, शोषित, पीड़ित और समाज के वंचित तबके की मदद करने की ललक जागृत थी, जिसका अनुसरण करते हुए प्रतिदिन आकाश भी जनसेवा के विभिन्न कार्यो में निःस्वार्थ भाव से लोगों की मदद को तत्पर रहते हैं।
आकाश ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गृह जनपद आजमगढ़ व माध्यमिक की पढ़ाई वाराणसी के सुप्रसिद्ध उदय प्रताप इंटर कालेज से की है। पढ़ाई की प्राथमिकता को समझते हुए उन्होंने सन् 2008 में इलाहाबाद कृषि संस्थान मान्य विश्वविद्यालय प्रयागराज से कृषि में स्नातक (B.Sc Ag) की परीक्षा पास की और यही पे उन्हें मौका मिला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ के सामाजिक जीवन में उतरने का। आकाश अपनी पढ़ाई के दौरान राम मंदिर आन्दोलन के चलते अशोक सिंघल जी के संपर्क में आए और अंततः ये विश्व हिन्दू परिषद में पूर्णकालिक बन गए।
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आकाश को विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री काशी प्रान्त मनोज श्रीवास्तव के दिशा निर्देश में कार्य के दौरान विहिप के अनेक केंद्रीय पदाधिकारियों का सानिध्य प्राप्त हुआ जिसमें प्रमुख रूप से चम्पत राय, राजेन्द्र सिंह पंकज का आशीर्वाद उन्हें सदैव मिलता रहा। एक सामाजिक व्यक्ति के जीवन में हमेशा उतार-चढ़ाव लगा ही रहता है और आकाश के हिस्से भी यह उतार-चढ़ाव रहा। 18 अक्टूबर 20013 को अयोध्या में 'विश्व हिंदू परिषद' की संकल्प सभा से पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया। आकाश के सामजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें मई 2014 में लोकसभा चुनाव के पश्चात 'भारतीय जनता पार्टी' के युवा मोर्चा में प्रदेश कार्य समिति का सदस्य मनोनीत किया गया। यह उनके राजनीतिक जीवन में एक बड़ी उपलब्धि थी।
अक्सर ऐसा कहा जाता है कि खुशियों का कोई मोल लगाया नहीं जा सकता क्योंकि किसी के लिए जो खुशी छोटी लगती वही दूसरों के लिए बहुत बड़ी होती है। हालांकि सोशल मीडिया के चलन के बाद हर कोई ही मसीहा बनकर सामने आ जाता है, परंतु कुछ लोग अब भी ऐसे है जो वास्तव में जमीनी स्तर पर रहकर समाज के उस वर्ग के लिए काम कर रहे है जो अक्सर दबा रह जाता है। अपने शानदार व्यक्तित्व, लोकप्रियता व सरल स्वभाव के दम पर आज आकाश कई लोगों की पहली पसंद बन कर सामने आ रहे हैं। कड़ी मेहनत के दम पर ऊंचाइयों की बुलंदियों पर पहुंचे माटी के लाल, 'आकाश सिंह लल्लू' का व्यक्तित्व शीशे सा साफ है। हिंदुत्व आकाश के जीवन का आधार स्तंभ है। वह जिस काम को स्वीकारते हैं, उसमें अपने को बिना किंतु-परंतु के पूरी तरह झोंक देते हैं। उस कार्य को संपन्न करने में वे कुछ उठा नहीं रखते। कोरोना हो या कोई अन्य मुसीबत, लल्लू हमेशा ही लोगों के बीच नज़र आते है यही एक कारण है की अक्सर उन्हें लोगों का जमीन से जुड़ा हुआ नेता कहा जाता है।