NHRC ने कहा- झारखंड में झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं प्रैक्टिस, रोकने के लिए करें प्लानिंग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष सहित मानवाधिकार आयोग के अन्य सदस्यों द्वारा झारखंड राज्य में मानवाधिकार से जुड़े 53 मामलों की सुनवाई की, जिसमे से 22 केसों को निष्पादित भी किया गया. आयोग ने पाया कि झारखंड में
रांची,17 अगस्त. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष सहित मानवाधिकार आयोग के अन्य सदस्यों द्वारा झारखंड राज्य में मानवाधिकार से जुड़े 53 मामलों की सुनवाई की, जिसमे से 22 केसों को निष्पादित भी किया गया. आयोग ने पाया कि झारखंड में झोलाछाप डॉक्टर प्रैक्टिस कर रहे हैं, जिसे लेकर आयोग ने राज्य सरकार से इसके खिलाफ एक योजना बनाने को कहा है. इसके साथ ही कंपनसेश से जुड़े मामलों के साथ अवैध माइनिंग पर भी सुनवाई की गई.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टर को लेकर राज्य सरकार से ऐसे डॉक्टरों को रोकने के लिए आयोग को एक योजना प्रस्तावित करने और ऐसे डॉक्टरों को प्रैक्टिस करने से रोकने के लिए कहा है. राज्य सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन दिया गया है कि झोलाछाप डॉक्टरों को विभिन्न जिलों में प्रैक्टिस करने से रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिन जिलों से ज्यादातर शिकायतें आ रही हैं.
वहीं आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि वहां सख्त कदम उठाने को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है और जल्द ही वो धरातल पर भी नजर आएगी और इससे जुड़ा प्रस्ताव भी देगी. मानवाधिकार आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि झोला छाप डॉक्टरों की प्रैक्टिस को मानवाधिकारों का उल्लंघन के मामले में सबसे खतरनाक बताया. उन्होंने प्रशासन से भी आग्रह किया कि ऐसे डॉक्टर पर कड़ी नजर और नियमित अंतराल पर जांच करने का भी निर्देश दिया.