हरियाणा में मनोहर लाल सरकार ने दी स्टार्ट अप को नई गति, युवाओं को मिलेगा जोखिम मुक्त रोजगार
चंडीगढ़, 29 जून। हरियाणा में अब स्टार्ट अप को नई गति मिलेगी। इससे रोजगार के अवसर सृजित होने के साथ युवाओं की क्षमता का विकास होगा। हरियाणा सरकार राज्य में स्टार्ट अप का सहारा बनेगी और इससे जोखिम मुक्त रोजगार मिलेगा। हरियाणा सरकार की नई स्टार्टअप नीति युवाओं को अपना खुद का रोजगार खड़ा कर उन्हें प्रतिस्पर्धी बाजार के लिये तैयार करेगी। इस नीति के तहत राज्य में अगले पांच साल के भीतर कम से कम पांच हजार नए स्टार्टअप स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें करीब 75 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
वर्तमान में प्रदेश में 3910 स्टार्टअप संचालित हैं, जबकि पूरे देश में इनकी संख्या 60 हजार के आसपास है। प्रदेश सरकार ने नए स्टार्टअप के लिये कई वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करते हुए उन्हें जोखिम फ्री बना दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स और संचार विभाग द्वारा तैयार की गई स्टार्टअप पालिसी 2022 को मंजूरी दी गई थी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी स्टार्टअप इकाई इसके पंजीकरण की तारीख से 10 साल की अवधि तक हरियाणा में इस नई नीति के तहत प्रमुख लाभ लेने के लिए पात्र बन जाएंगे। शर्त यह रखी गई है कि उनका कारोबार 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए।
नई स्टार्टअप नीति पहले के आठ अलग-अलग कानूनों के बजाय 14 अलग-अलग कानूनों के तहत स्व-प्रमाणन रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति देकर स्टार्टअप को अधिक सुविधा प्रदान करेगी। इससे स्टार्टअप के लिए कारोबार करने में आसानी होगी। राज्य सरकार हर छह महीने में हरियाणा के 22 जिलों में विशिष्ट उद्यमिता विकास कार्यक्रम भी आयोजित करेगी, ताकि नई नीति के तहत स्टार्टअप विकास के अवसरों और क्षमता के बारे में जागरूक हो सकें।
नई स्टार्टअप नीति के तहत यह मिलेंगे लाभ
- नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति: सात वर्षों के लिए 50 प्रतिशत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति।
- लीज रेंटल सब्सिडी: स्टार्टअप के लिए पांच लाख रुपये तक लीज रेंटल सब्सिडी की प्रतिपूर्ति।
- स्टार्टअप के लिए सीड फंडिंग: 'ए' श्रेणी के ब्लाक में 100 स्टार्टअप, 'बी' श्रेणी के ब्लाक में 250 स्टार्टअप, 'सी' श्रेणी के ब्लाक में 750 स्टार्टअप और 'डी' में 1000 स्टार्टअप के लिए प्रति स्टार्टअप 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग मिलेगी।
- पेटेंट लागत: स्टार्टअप को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने पेटेंट पंजीकरण के लिए वास्तविक व्यय की 100 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी जो अधिकतम 25 लाख रुपये होगी।
- क्लाउड स्टोरेज के लिए प्रतिपूर्ति: हरियाणा स्थित डेटा केंद्रों पर क्लाउड कंप्यूटिंग/स्टोरेज के लिए किए गए खर्च की 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जाएगी, जो पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रति स्टार्टअप प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये तक होगी।
- एक्सलरेशन कार्यक्रमों में सहायता: राष्ट्रीय एक्सलरेशन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए स्टार्टअप को 2.5 लाख रुपये और अंतर्राष्ट्रीय एक्सलरेशन कार्यक्रमों के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
इन्क्यूबेटरों को वित्तीय प्रोत्साहन:
- पूंजीगत सब्सिडी: इनक्यूबेटरों की स्थापना के लिए गवर्नमेंट होस्ट इंस्टीट्यूट को दो करोड़ रुपये तक तथा निजी होस्ट इंस्टीट्यूट को एक करोड़ रुपये तक का पूंजी अनुदान दिया जाएगा।
- सलाह सहायता: परामर्श सहायता के लिए सरकार के स्वामित्व/समर्थित/प्रायोजित इन्क्यूबेटरों को 2.5 लाख रुपये तक प्रति इन्क्यूबेटर की वित्तीय सहायता दी जाएगी जो प्रति वर्ष अधिकतम 25 लाख रुपये तक होगी।
- रेंटल चार्ज पर प्रतिपूर्ति: इनक्यूबेटर द्वारा लीज रेंट के रूप में किये गये भुगतान के लिए तीन साल की अवधि के लिए 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
- स्टांप शुल्क और पंजीकरण प्रतिपूर्ति: भूमि/कार्यालय स्थान/आइटी भवन की खरीद/पट्टे पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी।
- मेले/प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए सहायता: उद्योग संघों/इन्क्यूबेटरों/सरकारी विभागों ने स्टार्टअप के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मेले/प्रदर्शनी में किया या इस तरह के मेले/प्रदर्शनी/सेमीनारों के आयोजन के लिए वास्तविक आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जो अधिकतम 50 लाख रुपये तक होगी।
- स्टार्टअप प्रतियोगिता सहायता: इन्क्यूबेटर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में स्टार्टअप प्रतियोगिता उत्सव के आयोजन के लिए प्रति आयोजन 20 लाख रुपये तक की सहायता।
- नया स्टार्टअप वेयरहाउस/इनोवेशन कैंपस: पंचकूला, हिसार और अन्य संभावित स्थानों पर आइटी स्टार्टअप वेयरहाउस की स्थापना हेतु पूंजीगत व्यय के लिए चार करोड़ रुपये तथा तीन साल के आवर्ती व्यय के लिए एक करोड़ रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- नया मोबाइल एप्लीकेशन विकास केंद्र: पंचकूला, हिसार और 'सी' और 'डी' ब्लाक के अन्य संभावित स्थानों पर नये मोबाइल एप्लीकेशन विकास केंद्र की स्थापना के लिए पूंजीगत व्यय के लिए चार करोड़ रुपये तथा तीन साल के लिए आवर्ती व्यय के लिए एक करोड़ रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी संस्थानों में इन्क्यूबेशन केंद्र: इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने के लिए प्रति इन्क्यूबेटर के लिए 50 लाख रुपये तथा पांच साल के लिए आवर्ती व्यय के लिए 20 लाख रुपये वार्षिक रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- विश्वविद्यालयों और अन्य सरकारी संस्थानों में मौजूदा इन्क्यूबेटरों को उनकी सुविधाओं के उन्नयन के लिए प्रति इनक्यूबेटर 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।