बाघमारा के 5 मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में होंगे विकसित, जिला परियोजना पदाधिकारी को भेजी जाएगी रिपोर्ट
धनबाद जिला प्रशासन ने बाघमारा प्रखंड के पांच मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन विकास के लिए चयनित किया है। इनमें लिलोरी मंदिर कतरासगढ़, बूढ़ा बाबा मंदिर झींझीपहाड़ी, रामराज मंदिर चिटाही, शिव मंदिर पतर
धनबाद,30 अगस्त:धनबाद जिला प्रशासन ने बाघमारा प्रखंड के पांच मंदिरों को पर्यटन स्थल के रूप में सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन विकास के लिए चयनित किया है। इनमें लिलोरी मंदिर कतरासगढ़, बूढ़ा बाबा मंदिर झींझीपहाड़ी, रामराज मंदिर चिटाही, शिव मंदिर पतराकुल्ही एवं लिलोरी मंदिर गंगापुर शामिल हैं। इस संबंध में जिला परियोजना पदाधिकारी द्वारा मंदिर की विस्तृत जानकारी एवं मंदिर के आसपास सौंदर्यीकरण जैसे पार्क, झूला व गाड़ियों की पार्किंग आदि की व्यवस्था करने के लिए भूमि चिह्नित कर बाघमारा सीओ से रिपोर्ट मांगी है।
इस संबंध में बाघमारा अंचलाधिकारी कमल किशोर सिंह ने बताया कि अंचल निरीक्षक व कर्मचारियों द्वारा उक्त मंदिरों की जानकारी के साथ-साथ मंदिर के आसपास की भूमि को चिह्नित करने का काम किया जा रहा है। फिलहाल शिव मंदिर पतराकुल्ही एवं लिलोरी मंदिर कतरासगढ़ की रिपोर्ट के साथ भूमि संबंधित जानकारी अंचल निरीक्षक द्वारा प्राप्त हुई है। जल्द ही भूमि को चिह्नित कर जिला परियोजना पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
मां
लिलोरी
मंदिर
मां
लिलोरी
मंदिर
ये
सभी
मंदिर
पर्यटन
स्थल
के
रूप
चिह्नित
होंगे
जानकरों
के
मुताबिक
इन
मंदिरों
के
पर्यटन
स्थल
के
रूप
में
विकसित
होने
से
देश
के
पर्यटन
मानचित्र
में
ये
मंदिर
पर्यटन
स्थल
के
रूप
चिह्नित
होंगे।
इन
मंदिरों
की
महत्ता
की
जानकारी
अन्य
राज्य
व
देश-विदेश
के
लोगों
को
मिलेगी।
इससे
काफी
संख्या
में
पर्यटक
मंदिर
दर्शन
एवं
घूमने
फिरने
के
लिए
इन
स्थलों
का
भ्रमण
करेंगे।
सरकारी
सुविधाओं
का
लाभ
लेने
पर
शुक्ल
देय
होगा
इन
मंदिरों
के
दर्शन
के
लिए
जब
राज्य
व
देश
के
हिस्सों
से
लोग
भक्तिभाव
से
मंदिर
व
देवी-देवताओं
का
दर्शन
करने
के
लिए
आएंगे
तो
मंदिर
एवं
आसपास
मिलने
वाली
सरकारी
सुविधाओं
का
लाभ
लेने
पर
शुक्ल
देय
होगा।
इससे
सरकार
के
राजस्व
में
वृद्धि
होगी।
क्षेत्र का आर्थिक विकास के साथ महत्व बढ़ेगा
बूढ़ा
बाबा
मंदिर
बूढ़ा
बाबा
मंदिर
इन
मंदिरों
के
पर्यटन
स्थल
के
रूप
में
विकसित
होने
से
मंदिर
के
आसपास
के
क्षेत्र
व
जिला
का
विकास
भी
होगा।
परिवहन
के
साधनों
में
बढ़ोतरी
होगी।
होटल,
लॉज
एवं
धर्मशालाओं
का
निर्माण
होगा।
नए
प्रतिष्ठान
व
बाजार
बनेंगे।
इससे
लोग
स्वरोजगार
करने
के
साथ
ही
विभिन्न
प्रकार
के
प्रतिष्ठानों
में
रोजगार
कर
सकेंगे।
इससे
लोगों
की
आय
में
बढ़ोतरी
के
साथ
क्षेत्र
का
आर्थिक
विकास
होगा।
रोजगार
बढ़ेंगे
लोगों
का
पलायन
रुकेगा
मंदिर
के
आसपास
क्षेत्र
का
विकास
होने
से
रोजगार
के
नए
आयाम
खुलेंगे।
जिससे
मंदिर
में
आसपास
व
क्षेत्र
के
ग्रामीणों
को
रोजगार
के
लिए
अन्य
राज्यों
में
भटकना
नहीं
पड़ेगा।
लोग
क्षेत्र
में
खुलने
वाले
नए
प्रतिष्ठानों
में
रोजगार
हासिल
कर
अपनी
आजीविका
चला
सकेंगे।