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Shabri Chalisa in Hindi: यहां पढे़ं शबरी माता चालीसा, जानें महत्व और लाभ
शबरी चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।शबरी माता की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है।
मां शबरी चालीसा
- भक्ति शिरोमणि मातु है, शबरी सुंदर नाम।
- रामनाम सुमिरन किया, पाया बैकुंठ धाम।।
- सीधी साधी भोली-भाली।
- दंडक वन में रहने वाली।।१
- सबर भील की राजकुमारी।
- करुणा क्षमा शीलाचारी।।२
- बेटी श्रमणा सबकी प्यारी।
- सुंदर रूपा बढ़ व्यवहारी।।३
- बीता बचपन भइ तरुणाई।
- समय देख कर भई सगाई।।४
- फिर पिता ने ब्याह रचाये।
- जाति भाई सभी बुलाये।।५
- मंडप बंदन खूब सजाये।
- बेलें बूटे फूल लगाए।।६
- नगर गांव में बजी बधाई।
- नाचे गावे लोग लुगाई।।७
- समझ पाए बरात बुलाई।
- बूढ़े बालक सबमिल आई।।
- भोज रसोई मेढा़ लाई।
- दृष्य देख शबरी घबराई।।
- करुणा से आंखे भर आई।
- उपाय कोई समझ न पाई।।१०
- सौ जीवों की जान बचायें।
- कोई बात सुझा ना पाये।।११
- मंडप छोड़ा शबरी भागी।
- प्रभु की भक्ती मन में लागी।१२
- गुरु मतंग के आश्रम आई।
- चरण छुए फिर आशीष पाई।।१३
- श्रृद्धा भक्ति गुरु ने जानी।
- श्रृद्धा भक्ति गुरु ने जानी।
- बेटी जैसी निर्मल मानी।।
- अंत समय सुर लोक सिधारे।
- बोले बेटी राम सहारे।।१५
- नियमधरम का पालन करना।
- राम नाम को रोज सुमरना।
- दस हजार बरस तप कीना।
- तरुणा तन अब वृद्धा दीना।।
- मगन होय नित प्रभु को ध्याती।
- राम राम कह भजन सुनाती।।
- कोयल तोता कागा आते।
- दाना पानी सभी यहां पाते।।
- हिरणों की भी जोड़ी आती।
- घांस पात खा रोब दिखाती।।
- शेर नेवले सांप दिखाते।
- कोई किसी को नही सताते।।
- जंगल में भी मंगल देखा।
- ऐसा मेला संत विशेषा।।
- रोज राह पर फूल बिछाती।
- कांकर पाथर दूर हटाती।।
- श्याम केश सब भये सफेदा।
- सिकुड़ी चामा जीवन शेषा।।
- देखत देखत नैन गंवाई।
- गुरु की बात नहीं भुलाई।।२५
- हुआ राम को जब वनवासा।
- संतसमागम दुखिया आशा।२६
- राम लखन जब भटकत आये।
- शबरी के आश्रम में धाये।।२७
- कोई इसका भेद न पाये।
- पलक पांवड़े आन बिछाये।।२८
- रामलखन को आवत देखा।
- खोया आपा भूली वेशा।।२९
- दौड़ी दौड़ी प्रभु ढिंग आई।
- चरणो में गिर आशिष पाई।।३०
- दोनों हाथों राम उठाया।
- माता कह के गले लगाया।।३१
- बहुत देर तक भूली देहा।
- जैसे मिथिला होत विदेहा।।३२
- राम लखन को कुटिया लाई।
- प्रेम भाव से दिया बिठाई।।३३
- गुरु मतंग की बात बताई।
- जय जय जय मेरे रघुराई।।३४
- श्रद्धा भाव से बैर खिलाती।
- खाटे चाखे दूर हटाती।।३५
- बड़े प्रेम से रामहि खाये।
- नभ से देव सुमन बरसाये।।३६
- लछमन भेद समझ नहिं पाये।
- वहीं बैर संजीवन आये।।३७
- नवधा भक्ति राम सिखाई।
- शबरी अपने धाम पठाई।।३८
- जय जय जय हे शबरी माई।
- सारा जग मां करत बड़ाई।।३९
- मंदिर एक बना है भारी।
- दर्शन करते भगत हजारी।।४०
- फागुन कृष्ण द्वितिया तिथि, होता मंगलाचार।
- अंतकाल सुधारी के, भव से होती पार।।
शबरी चालीसा का महत्व
शबरी चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। शबरी माता की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। शबरी माता के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। शबरी माता की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है।
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English summary
Shabri Mata Chalisa in Hindi: Lyrics Meaning, Chanting, Importance and Benefits.
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