अप्रेंटिसशिप से जुडें और पाएं रोजगार, युवाओं का कौशल विकास कर रही यूपी की योगी सरकार
लखनऊ, 16 जुलाई: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है, अधिक से अधिक विद्यार्थी अप्रेंटिसशिप योजना का फायदा उठाएं। उत्तर प्रदेश सरकार उनका कौशल विकास करके रोजगार करने के लायक बनाना चाहती हैं। सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में कुशल कामगारों की बड़ी मांग है। इसे पूरा करने में कौशल विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। गुरुवार को 'वर्ल्ड स्किल डे' के अवसर पर लोक भवन में सचिव, मुख्यमंत्री व व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा आलोक कुमार स्टेट स्टीयरिंग कमेटी फार अप्रेंटिसशिप की बैठक में बोले।
आलोक कुमार ने कहा कि जिला स्तर पर आइटीआइ के प्रधानाचार्य, उद्योग व वाणिज्य (जीएम डीआइसी) को विद्यार्थियों के लिए अप्रेंटिसशिप के मौके बनाने होंगे। साथ ही संस्थानों में आत्मविश्वास जगाना होगा, दोनों के बीच सहयोग स्थापित करना भी जरूरी है। बैठक में 'डुअल सिस्टम ट्रेनिंग एंड आन द जाब ट्रेनिंग' के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा योजनाओं के तहत अभ्यर्थियों का कौशल विकास करते हुए उनकी रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने पर चर्चा की गई।
निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन कुणाल सिल्कू ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। अप्रेंटिसशिप के दो फायदे हैं। पहला कुशल युवाओं के लिए नौकरी के अवसर देती है व दूसरा औद्योगिक संस्थानों में उन्हें काम करने का मौका देती है। उन्होंने कहा कि अप्रेंटिसशिप में एक वर्ष में कई बदलाव आए हैं। इसे सहभागिता के आधार पर चलाना होगा। अप्रेंटिसशिप करने वाले अभ्यर्थी को सरकार की ओर से एक हजार रुपए से अधिक की धनराशि मिलेगी। भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से पोर्टल शुरू किया गया है, जिससे अब रजिस्ट्रेशन भी आसानी से होगा।
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बैठक के दौरान वर्चुअल माध्यम से सचिव, मुख्यमंत्री व व्यावसायिक एवं तकनीकी शिक्षा की ओर से विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में अप्रेंटिसशिप कर रहे अभ्यर्थियों से चर्चाकर उनकी प्रगति की जानकारी ली गई। यहां विशेष सचिव व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास हरिकेश चौरसिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी व संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।