कोरोनाकाल में काम आई भूपेश सरकार की ये योजना, लाखों लोगों को हुआ फायदा
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिटों (MMU) से झुग्गी बस्तियों में निवासरत लोगों को नियमित जांच-उपचार-दवा का लाभ तो मिल ही रहा है, कोरोना-काल में भी संक्रमण को नियंत्रित करने में ये बहुत काम की साबित हुई हैं। योजना की शुरुआत के बाद से अब तक इस योजना के तहत दस हजार शिविरों के आयोजन किए जा चुके हैं। दावा किया गया है कि करीब पांच लाख मरीजों तक मुफ्त जांच, उपचार और दवा की सुविधा पहुंचाई जा चुकी है।
राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर 2020 को मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू की गई थी। सांसद राहुल गांधी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा योजना का शुरू करने का ऐलान किया गया था। राज्य के सभी 14 नगर पालिक निगमों में 60 एमएमयू स्वास्थ्य सेवाएं दे रही हैं। इन मोबाइल मेडिकल यूनिटों में एमबीबीएस डाक्टर द्वारा लगभग 1600 स्लम बस्तियों में कैम्प लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। एमबीबीएस डाक्टर के साथ कैम्प में मुफ्त दवा वितरण हेतु फार्मासिस्ट, मुफ्त लैब टेस्ट करने हेतु लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं।
मुफ्त
में
लैब
टेस्ट
पारा-मोहल्ला
में
घर-घर
पहुंच
इलाज
की
सुविधा
प्रदान
करने
वाली
इस
स्लम
स्वास्थ्य
योजना
ने
अब
तक
लगभग
5
लाख
मरीजों
का
इलाज
किया
है।
इन
मरीजों
में
से
लगभग
एक
लाख
बीस
हजार
मरीजों
का
मुफ्त
लैब
टेस्ट
किया
गया
है।
एमएमयू
में
41
प्रकार
के
विभिन्न
लैब
टेस्ट
किये
जाते
हैं.
इनमें
खून,
मल-मूत्र
,
थूक,
टीबी,
थायराइड,
मलेरिया,
टाईफाईड
आदि
की
जांच
कुशल
लैब
टेक्निशियन
द्वारा
अत्याधुनिक
मशीनों
से
की
जाती
है।
एमएमयू
में
मुफ्त
दवा
वितरण
सेवा
का
लाभ
लेते
हुये
लगभग
चार
लाख
चालीस
हजार
मरीजों
ने
डाक्टर
की
पर्ची
के
आधार
पर
फार्मासिस्ट
से
सेवाएं
प्राप्त
की
है।
एमएमयू
में
पैरासेटामाल,
ब्रुफेन,
मेटफार्मिन,
एटेनोलोल,
बी-कामप्लेक्स,
आयरन,
फोलिकएसिड,
सिफालेक्सिन,
एमोक्सिसिलिन,
लिमसी,
ओआरएस,
टिटेनस
इंजेक्शन,
रैबिज
इंजेक्शन
आदि
दो
सौ
प्रकार
की
दवाईयों
की
उपलब्धता
सुनिश्चित
की
जा
रही
है।
इन
उपकरणों
से
लैस
स्लम
स्वास्थ्य
योजना
की
एमएमयू
गाड़ियों
में
ब्लड-प्रेशर
मापने
की
मशीन,
शुगर
टेस्ट
की
मशीन,
ईसीजी
मशीन,
आक्सीजन
सिलेण्डर
आदि
की
भी
व्यवस्था
है।
पांच
लाख
मरीजों
का
ईलाज
पूर्ण
करने
की
उपलब्धि
पर
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
ने
नगरीय
प्रशासन
एवं
विकास
विभाग
के
अधिकारियों,
कर्मचारियों,
जिला
कलेक्टर
तथा
एमएमयू
की
टीम
की
प्रशंसा
की
है।
रायपुर
में
15
एमएमयू
से
लगभग
1.26
लाख,
दुर्ग
में
4
एमएमयू
से
लगभग
35
हजार,
भिलाई
में
3
एमएमयू
से
लगभग
34
हजार,
राजनांदगांव
में
एमएमयू
से
लगभग
33
हजार,
बिलासपुर
में
4
एमएमयू
से
लगभग
51
हजार,
कोरबा
में
8
एमएमयू
से
लगभग
55
हजार,
रायगढ़
में
4
एमएमयू
से
लगभग
33
हजार,
अंबिकापुर
में
4
एमएमयू
से
लगभग
26
हजार,
जगदलपुर
में
4
एमएमयू
से
लगभग
28
हजार,
चिरमिरी
में
2
एमएमयू
से
लगभग
11
हजार,
रिसाली
में
2
एमएमयू
से
लगभग
19
हजार,
धमतरी
में
2
एमएमयू
से
लगभग
18
हजार,
भिलाई-चरोदा
में
2
एमएमयू
से
लगभग
19
हजार
एवं
बीरगांव
में
2
एमएमयू
से
लगभग
17
हजार
मरीजों
ने
स्वास्थ्य
सेवा
का
लाभ
प्राप्त
किया
है।
महिलाओं के लिए दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन