मजदूर दिवस से हरियाणा में लागू होगा प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण, जानें इसके मायने और पैमाने
चंडीगढ़। हरियाणा के अंदर प्राईवेट सेक्टर में हरियाणा के ही लोगों को नौकरी मुहैया कराने से जुड़ा कानून मई महीने में लागू होगा। सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि, 1 मई यानी कि, अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस से प्रदेश में प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसद आरक्षण लागू होगा। हालांकि, यह विभिन्न चरणाें में लागू होगा। इस कानून को लागू करने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रमुख औद्योगिक संगठनों व उद्यमियों से मशविरा कर रहे हैं।
25000
रुपये
तक
की
नौकरियों
पर
लागू
होगा
कानून
प्राइवेट
कंपनियां
यानी
कि,
ज्यादातर
औद्योगिक
संगठन
और
उद्यमी
प्रदेश
सरकार
के
इस
नए
कानून
से
खफा
हैं।
वे
इस
कानून
को
लागू
किए
जाने
के
फेवर
में
नहीं
थे,
मगर
सरकार
ने
जब
साफ
कर
दिया
कि
कानून
हर
हाल
में
लागू
होगा।
अंत
में
प्राईवेट
कंपनियों
के
मालिकों
और
उद्योगपतियों
ने
इसे
सरल
बनाने
के
लिए
अहम
सुझाव
दिए।
सरकार
ने
अब
कहा
है
कि,
अभी
50
हजार
रुपये
की
जगह
यह
आरक्षण
20
से
25
हजार
रुपये
तक
की
नौकरियों
पर
लागू
होगा।
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हरियाणा
सरकार
ने
की
ऐसी
अहम
घोषणाएं
बताया
जा
रहा
है
कि,
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
उद्योगपतियों
के
इस
सुझाव
पर
सैद्धांतिक
रूप
से
सहमत
हुए
कि
निजी
क्षेत्र
में
सामान्य
श्रेणी
की
नौकरियों
में
आरक्षण
20
से
25
हजार
रुपये
मासिक
वाली
नौकरियों
में
ही
रहे
और
तकनीक
आधारित
नौकरियों
में
आरक्षण
लागू
करने
की
नियमावली
में
भी
कुछ
ऐसे
प्रविधान
किए
जाएं
कि
किसी
उद्यमी
को
परेशानी
न
आए।
इसके
अलावा
मुख्यमंत्री
ने
उद्यमियों
की
लंबित
समस्याओं
के
समाधान
के
लिए
भी
अनेक
तरह
की
छूट
की
घोषणा
की।
जैसे-
- औद्योगिक प्लॉट का निर्माण नहीं होने के कारण एचएसआइआइडीसी के प्लाट पर ब्याज पर ब्याज जुर्माने के तौर पर लगता है। इसे कंपाउंड इंटरेस्ट कहते हैं, जिसे पूरी तरह माफ किया गया है तथा ब्याज राशि पर भी 25 फीसद की छूट मिली है। ब्याज की गणना 31 मार्च 2021 तक होगी।
- औद्योगिक प्लॉट पर तय समयावधि में निर्माण नहीं करने पर 50 रुपये से 250 रुपये प्रति वर्ग मीटर के जुर्माने को अब सिर्फ 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर के जुर्माने तक ही सीमित रखा जाएगा। यह जुर्माना भी छह साल तक ही लिया जा सकेगा।
- औद्योगिक भवन के कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए जिस उद्यमी ने छह माह पहले आवेदन किया हुआ है, उसे यथास्थिति आधार पर बिना जुर्माने के कंपलीशन दिया जाएगा।
- बड़े प्रोजेक्ट के लिए सस्ती दरों पर जमीन लेने वाले उद्यमियों की शर्तें पूरी नहीं होने की दशा में जमीन का भाव उसी अनुपात में कर दिया जाएगा, जितने अनुपात में उद्यमी ने निवेश किया है।
-
यदि
इन
छूट
का
लाभ
लेकर
भी
प्लाटधारक
ने
औद्योगिक
प्लाटों
को
आबाद
नहीं
किया
तो
30
सितंबर
से
प्लॉट
वापस
लेने
की
कार्रवाई
शुरू
होगी।
-
एचएसआइआइडीसी
प्लॉट
वापस
लेकर
फिर
से
नीलाम
करेगी
और
नीलामी
में
जो
पैसा
सरकार
को
उद्यमी
पर
बकाया
से
ज्यादा
मिलेगा,
उसे
उद्यमी
को
दे
दिया
जाएगा।