सीएम योगी ने दिए दिल्ली गाजियाबाद मेरठ के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल दिल्ली- गाजियाबाद -मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर परियोजना के कार्यों में तेजी लाने का निर्देश अधिकारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को भी बता दिया है कि वर्ष 2023 में यह परियोजना मेरठ और दिल्ली वालों की जिंदगी को आसान बनाने लगेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली- गाजियाबाद -मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर परियोजना शुरु करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार से मंजूर करवाया था। अब मुख्यमंत्री का प्रयास है कि उनकी महत्वकांक्षी योजनाओं मे से एक आरआरटीएस परियोजना के अंतर्गत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के प्राथमिक सेक्शन का परिचालन वर्ष 2023 में शुरू हो जाए।
2019
में
प्रोजेक्ट
को
केंद्र
सरकार
ने
दी
थी
मंजूरी
गौरतलब
है,
रीजनल
रैपिड
ट्रांजिट
सिस्टम
(आरआरटीएस)
भारत
में
लागू
होने
वाली
अपनी
तरह
की
पहली
परियोजना
है।
वर्ष
2017
में
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
भविष्य
की
जरूरतों
के
आधार
पर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
आरआरटीएस
कॉरिडोर
के
प्रोजेक्ट
को
कैबिनेट
से
पास
करवाया
था।
प्रदेश
के
इस
प्रस्ताव
को
केंद्र
सरकार
ने
मार्च
2019
में
मंजूरी
दी
और
8
मार्च
2019
को
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
द्वारा
इस
प्रोजेक्ट
का
शिलान्यास
किया
गया।
देश
में
कुल
8
कॉरिडोर
किए
गए
चिन्हित
केंद्र
सरकार
ने
आरआरटीएस
से
देश
के
प्रमुख
क्षेत्रीय
केंद्रों
को
जोड़ने
के
लिए
कुल
आठ
कॉरिडोर
चिन्हित
किए
हैं।
इनमें
से
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
आरआरटीएस
कॉरिडोर
तीन
प्राथमिकता
वाले
आरआरटीएस
कॉरिडोर
में
से
एक
है,
जिसे
फेज-1
में
लागू
किया
जा
रहा
है।
82
किलोमीटर
लंबा
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
कॉरिडोर
देश
का
पहला
आरआरटीएस
कॉरिडोर
है।
यह
कॉरिडोर
के
साहिबाबाद
और
दुहाई
के
बीच
17
किलोमीटर
लंबे
प्राथमिकता
वाले
खंड
में
शामिल
है।
इस
कॉरिडोर
को
मार्च
2023
तक
तथा
पूरे
दिल्ली-गाजियाबाद
-मेरठ
कॉरिडोर
पर
इसका
परिचालन
2025
से
शुरू
करने
का
लक्ष्य
है।
मेरठ
में
मेट्रो
का
भी
होगा
संचालन
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ
आरआरटीएस
कॉरिडोर
82।15
किमी
लंबा
है।
दिल्ली
में
13
और
यूपी
में
69।15
किमी
लंबी
इस
परियोजना
पर
कुल
30,274
करोड़
रुपए
खर्च
होने
का
अनुमान
है।
अधिकारियों
के
अनुसार
इस
परियोजना
के
अंतर्गत
मेरठ
में
मेट्रो
सेवाओं
भी
संचालन
किया
जाएगा।
इसके
लिए
मेरठ
में
13
मेट्रो
स्टेशन
बनाए
जाएंगे।
वित्तीय
वर्ष
2021-22
में
एनसीआरटीसी
के
प्रस्तावानुसार
1326
करोड़
के
बजट
की
व्यवस्था
भी
कर
दी
गई
है।
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