उत्तराखंड में चलेगी 'किसान रेल', देशभर में पहुंचाएगी कृषि उत्पाद
देहरादून। किसानों की आय दोगुना करने के प्रयास में जुटी मोदी सरकार की किसान रेल योजना का फायदा जल्द ही उत्तराखंड के किसानों को भी मिलेगा, जिससे वे यहां के कृषि उत्पादों को ट्रेन के जरिए देश के किसी भी कोने में आसानी से भेज सकेंगे। त्रिवेंद्र सरकार ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने शुक्रवार को विधानसभा के सभागार में किसान रेल योजना को लेकर बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य की सभी 23 मंडी समितियों के सचिवों को फल, सब्जी, फूल समेत अन्य उत्पादों के संबंध में सर्वे के निर्देश दिए। उत्पादों की मात्रा का पता चलने के बाद यहां से रेल संचालन की समयावधि के अंतराल का निर्धारण किया जाएगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने मीटिंद के बाद जानकारी दी कि किसान रेल योजना का मकसद किसानों को अधिकाधिक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही बेहतर मार्केटिंग को आधारभूत संरचना तैयार करना है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में लगने वाली किसान मंडियों में किसान रेल के जरिए फल, सब्जी, फूल की परिवहन लागत में 50 फीसद सब्सिडी केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा रेलवे को दी जाएगी। यह व्यवस्था राज्यों की मांग और आवश्यकतानुसार की गई है।
उन्होंने बताया कि योजना से उत्तराखंड के किसानों को भी लाभ पहुंचेगा। किसान रेल के लिए कम से कम 23 टन उत्पाद होना जरूरी है। इस लिहाज से सभी मंडी समिति सचिवों को सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यह निर्धारण किया जाएगा कि यहां से किसान रेल का संचालन साप्ताहिक, 15 दिन या फिर 30 दिन के अंतराल में कब हो। इससे पहले बैठक में कृषि मंत्री ने उद्यान और रेलवे के अधिकारियों के साथ योजना के कई पहलुओं पर मंथन किया।
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क्या है किसान रेल योजना
किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सन ट्रेन है। जिसका इस्तेमाल अनाज, फल और सब्जियों को लाने और ले जाने के लिए किया जाएगा। केंद्र सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज के साथ किसान उपज के परिवहन की भी अच्छी व्यवस्था की है। किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है।