क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ओपिनियन: झूठ के पर्दे से नहीं छिपेगी देश की चमकती तस्वीर

By महेंद्रनाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, Bjp
Google Oneindia News

नई दिल्ली। आप ने देख के हर इक को नज़र फेरी है, आप ने साहिब-ए-एहसास कहाँ देखे हैं... ये शेर आज के दौर के विपक्ष की उस सियासत पर मौजू है, जहां कुर्सी हासिल करना ही मकसद है, न कि जनहित व देश की प्रगति। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में सत्ता और सियासत की तस्वीर बदल दी है और इस सरकार के लिए चुनावी शिगूफे से इतर जनहित और राष्ट्रनिर्माण सर्वोपरि है। हालांकि देश की तमाम सकारात्मकताओं, खूबियों और अच्छाइयों के बावजूद दुनियाभर में भारत की नकारात्मक छवि पेश करने वाले अब भी भारत की संभावना और आसमां की उड़ान की अनदेखी कर झूठ और गुमराह करने वाली राजनीति का दामन छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

ओपीनियन: झूठ के पर्दे से नहीं छिपेगी देश की चमकती तस्वीर

दरअसल, विपक्ष की समस्या यह है कि वह नकारात्मक राजनीति करते हुए बार-बार गलतियां करता है। वह मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल की तुलना पिछले 70 बरस से करके जनता को गुमराह करने की असफल कोशिश करता है, पर उसके लिए संकट तब उत्पन्न हो जाता है जब इस तुलना में देश की प्रगति व विकास के पैमाने पर साढ़े चार साल उन पर भारी पड़ते हैं।

छह दशक तक सत्ता सुख भोगने वाली कांग्रेस और कुर्सी मोह में उसके पिछलग्गू बने राजनीतिक दल अब भी गरीबी, महंगाई, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, औद्योगिक पिछड़ापन, सांप्रदायिकता, किसानों की दुर्दशा आदि उन्हीं मुद्दों की झूठी व बनावटी तस्वीर दिखाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश में लगी हैं, जो उनकी खुद की देन है। किंतु वर्तमान सरकार के शासनकाल में देश की प्रगति, जनता की समृद्धि व सशक्तिकरण और भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन की उज्जवल तस्वीर उन्हें हताश और निराश कर देती है। फिर वे मुद्दाविहीन होकर देश की प्रगति को बाधित करने और सुरक्षा को खतरे में डालने वाले निराधार सवाल जैसे राफेल पर झूठ फैलाना, सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगना, सेना का मनोबल गिराने वाला बयान देना जैसी हरकतें करने लगते हैं, किसानों के नाम पर प्रायोजित गैर-किसानों का नाटक कराकर उपद्रव कराने लगते हैं, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले नोटबंदी और जीएसटी पर घटिया राजनीति करते हैं। जब कुछ नहीं मिलता तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमला करके प्रधानमंत्री पद की गरिमा को चोट पहुंचाते हैं।

सवाल यह उठता है कि क्या गरीबों के हित में काम करना, देश के सशक्तिकरण के लिए काम करना या देश की अर्थव्यवस्था व सुरक्षा को मजबूत बनाने का कदम उठाना मोदी सरकार का अपराध है? क्या विपक्ष का हमला सिर्फ इसलिए है, क्योंकि देश में पहली बार जनता को लगता है कि कोई सरकार वोट की राजनीति किए बिना भी उसके लिए इतना काम कर सकती है।

वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जो बदलाव हुए हैं, वो पिछली सरकारों के कार्यकाल की केवल आंकड़ों की बाजीगरीभर नहीं हैं, बल्कि समाज में यह बदलाव दिख रहा है। उदाहरण के लिए, 1947 से 2014 के 67 वर्ष में जहां देश में 13 करोड़ एलपीजी सिलेंडर बांटे गए थे, वहीं मोदी सरकार के केवल चार साल में 2014 से 2018 तक 12 करोड़ सिलेंडर लोगों को दिए गए। उज्जवला जैसी योजना के माध्यम से पांच करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को नि:शुल्क गैस सिलेंडर दिए गए।

विपक्ष के आधारहीन आरोपों से क्या यह सच छिप जाएगा? क्या इससे कोई इनकार कर सकता है कि मोदी जी की नीतियों दुनियाभर में भारत की शक्ति व साख दोनों बढ़ी है। आज पूरा विश्व भारत से दोस्ती और भारत का नेतृत्व स्वीकार करने को उतावला हो रहा है। मोदी सरकार के सुशासन व भ्रष्टाचारमुक्त कार्यशैली ने भारत की संभावना को लेकर पूरे विश्व में उम्मीद जगा दी है।

देश असाधारण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। मसलन, ईज आफ डूइिंग बिजनेस में भारत चार सालों में छलांग लगाकर 142 से 77वें स्थान पर पहुंच गया, जबकि दुनिया के नवोन्मेषी हब के रूप में उभरता भारत वर्ष 2013-14 के मात्र 4227 के मुकाबले वर्ष 2017-18 में 13045 पेटेंट तक पहुंच गया है। इसी प्रकार नए ट्रेड मार्क पंजीकरण में वर्ष 2013-14 के 68000 की तुलना में वर्ष 2016-17 में 250000 हो गया।

साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य पर अग्रसर मोदी सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है तथा 2018-19 के बजट में किसानों को की लागत का डेढ़ गुना कीमत दिलाने के कदम उठाते हुए समर्थन मूल्य घोषित किए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 4.05 करोड़ से अधिक किसानों को बीमा कवर दिया गया है। ई-नैम पोर्टल शुरू कर 87.5 लाख किसानों को जोड़ा गया है और उनके उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है। देश के लगभग सभी परिवारों में इन साढ़े चार सालों में बैंक खाते खोलकर उनका वित्तीय समावेशन किया गया। इसके अलावा 12 करोड़ से अधिक छोटे
उद्यमियों को मुद्रा लोन देकर समाज के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में तेज कदम बढ़ाए गए हैं।

ये तो मोदी सरकार द्वारा आम जन के उत्थान, कल्याण व सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों में से चंद हैं। ऐसी सैकड़ों योजनाएं इन साढ़े चार सालों में शुरू की गयी हैं, जिनका सीधा लाभ देश की गरीब व मध्यम वर्ग की जनता को मिल रहा है। ऐसे में विपक्ष कृत्रिम मुद्दे गढ़ रहा है। किंतु ऐसे मुद्दों की मियाद बहुत कम होती है। आज जनता भले ही विपक्ष से सीधा सवाल न पूछती हो, लेकिन वह जब मोदी सरकार द्वारा देश के 50 करोड़ गरीब लोगों को दुनिया से सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत देकर गरीबों का नि:शुल्क उपचार होता हुआ देखती है, जब आजादी के 70 बरस बाद भी अंधेरे गांवों में बिजली पहुंचता देखती है, जब स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर में शौचालय बनने से महिलाओें का सम्मान व सुविधा बढ़ता देखती है तो वह पिछली सरकारों की राजनीति और वर्तमान सरकार के काम की तुलना करने को मजबूर हो जाती है। इस तुलना में पिछली सरकारों की 60 साल के दावे वर्तमान सरकार साढ़े चार साल की उपलब्धियों के आगे कहीं नहीं ठहरते।

जनहितैषी कार्यों और गरीबों, दलितों व आम नागरिकों के आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण से बदलते भारत की चमकती तस्वीर क्या विपक्ष के झूठ के पर्दे से छिप सकेगी? सत्ता मोह में प्रगति व विकास की पटरी को उखाड़ने के लिए पूरी तरह नकारात्मक हो चुके विपक्ष को चिंतन करना होगा कि क्या राजनीति महत्वपूर्ण है अथवा जनहित और राष्ट्र की प्रगति?

(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं)

Comments
English summary
UP BJP President Mahendra Nath Pandey on opposition Parties Modi Government Loksabha Elections 2019
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X