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धनी भारतीयों की जीभ पर नजर, भारत में खुलेंगे रिलायंस-प्रेट के स्टोर

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लंदन का एक प्रेट स्टोर

नई दिल्ली, 7 जुलाई। प्रेट भारत में कई जगह स्टोर खोलेगी जिसमें रिलायंस उसकी साझीदार होगी. दोनों कंपनियों ने मिलकर भारतीय धनी ग्राहकों के बदलते स्वाद को साधने का लक्ष्य तय किया है. रिलायंस और प्रेट ने पिछले हफ्ते इस समझौते का ऐलान किया था जिसका निशाना देश के वे 5 करोड़ लोग होंगे जिनके पास अकूत संपत्ति है. इस समझौते को भारत में पहले से काम कर रहीं कंपनियों स्टारबक्स और कोका कोला की कोस्टा कॉफी जैसी चेन के लिए भी चुनौती माना जा रहा है. इससे पहले मार्च में ही कनाडा की कंपनी हॉरटंस ने भी ऐलान किया था कि इस साल भारत में वह अपना कारोबार शुरू कर देगी.

भारत की सबसे धनी कंपनी रिलायंस पहले से ही देश की सबसे बड़ी रीटेल चेन चला रही है. उसने दुनियाभर के बड़े लग्जरी और फैशन ब्रैंड्स के साथ समझौते किए हैं जिनका मकसद भारत के सबसे धनी ग्राहकों पर ध्यान देना है. प्रेट के साथ समझौते के जरिए रिलायंस ने पहली बार धनी ग्राहकों के खाने की प्लेट पर निशाना साधा है.

जगह जगह हैं प्रेट स्टोर

रिलायंस ब्रैंड्स के सीईओ दर्शन मेहता ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारत का बाजार अलग-अलग कंपनियों के बढ़ने के लिए काफी बड़ा है. उन्होंने बताया, "हम भारत की 3-4 प्रतिशत आबादी के बारे में ही सोच रहे हैं. यह हमारी रणनीति में एकदम सटीक बैठती है. स्टारबक्स के उलट मैं कुछ ऐसा खोज रहा था जहां खाना केंद्र में हो. स्टारबक्स पीने की चीजों का बिजनस है."

फ्रांसीसी भाषा में 'प्रेट ए मांगर' का अर्थ होता है 'खाने के लिए तैयार'. प्रेट की शुरुआत 1986 में लंदन में हुई थी और दुनियाभर में इसके 550 स्टोर हैं. इनमें अमेरिका अलावा कई यूरोपीय शहर शामिल हैं. कंपनी अपनी ऑर्गैनिक कॉफी और चिकन व आवाकाडो सैंडविच के लिए खूब लोकप्रिय है. मेहता कहते हैं कि रिलायंस का मकसद भारत को प्रेट के लिए 2030 तक तीन सबसे बड़े बाजारों में से एक बनाना है.

प्रेट का पहला स्टोर मुंबई में खुलेगा. हालांकि मेहता ने कोई संख्या बताने से इनकार कर दिया लेकिन समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि कंपनी पांच साल में भारत में सौ स्टोर खोलने जा रही है.

भारत में खाने के बाजार में बड़ी वृद्धि के अनुमान जाहिर किए जा रहे हैं. टेक्नोपाक अडवाइजर्स का अनुमान है कि भारत में 2025 तक कैफे चेन बाजार 55 करोड़ डॉलर यानी लगभग 43 अरब डॉलर का हो जाएगा और इसमें 34 प्रतिशत सालाना की वृद्धि होगी.

बढ़ती आय, बदलता स्वाद

भारत के बड़े ही नहीं छोटे शहरों में भी लोगों की आय में बढ़ोतरी देखी जा रही है. ये ऐसे लोग हैं जो आमतौर पर चाय पीते हैं लेकिन आय बढ़ने के साथ वे कैफे और रेस्तरां में बेची जाने वाली पश्चिमी अंदाज की कॉफी को आजमा रहे हैं.

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2012 में जब टाटा ग्रुप ने स्टारबक्स के साथ समझौते में कैफे खोला था तो उसके सामने लंबी-लंबी कतारें देखी गई थीं. अब भारत के 26 शहरों में 268 स्टारबक्स कैफे हैं. हालांकि उसे एक घरेलू चेन ब्लू टोकाई भी अच्छा खासा मुकाबला दे रही है.

मेहता जब रॉयटर्स को वीडियो को जरिए इंटरव्यू दे रहे थे तो वह भी ब्लू टोकाई की ही कॉफी पी रहे थे. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हमने अभी प्रेट शुरू नहीं किया है."

प्रेट के सीईओ पैनो क्रिस्टो ने भारत में समझौते को 'अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय फ्रैंचाइजी समझौता' बताया है. कोविड-19 महामारी के दौरान प्रेट को खासा नुकसान झेलना पड़ा था क्योंकि अधिकतर लोग घर से काम करने लगे. इसका अर्थ था कि ऑफिस जाने वाले उसके ग्राहकों में बड़ी कमी. इस कारण कंपनी को कई स्टोर बंद करने पड़े और लोगों की छंटनी भी की गई.

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कंपनी अब नए मौके तलाश रही है. टेक्नोपार्क में उपभोक्ता व रीटेल मामले देखने वाले अंकुर बाइसेन कहते हैं कि भारत में महामारी के दौरान कैफे बंद होने से प्रेट के लिए जगह बन गई है. बाइसेन कहते हैं कि प्रेट अगर स्थानीय स्वाद को साध पाई तो वह स्टारबक्स के लिए सीधा मुकाबला होगी. स्टारबक्स ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.

कई और योजनाएं

कई अन्य विदेशी कंपनियों की तरह स्टारबक्स की भारतीय सफलता भी एक भारतीय कंपनी टाटा के साथ समझौते और अंतरराष्ट्रीय फ्लेवर्स जैसे हवायन और बाजिल टमैटो सैंडविच के साथ-साथ स्थानीय रेसिपी जैसे कि स्पाइसी पनीर पर टिकी है. मेहता कहते हैं कि भारत में प्रेट के 20 प्रतिशत उत्पाद भारत से प्रेरित होंगे.

उन्होंने कहा कि अन्य चीजों में से भी कई को भारतीय स्वाद के मुताबिक बदला जा सकता है. जैसे कि फलाफल रोल्स में मसालों की मात्रा बदली जा सकती है. प्रेट के अलावा रिलायंस जापानी रीटेलर मूजी कैफे और अरमानी कैफे के साथ भी स्टोर खोलने पर विचार कर रहा है. अरमानी और मूजी दोनों ही भारत में रिलायंस के साझेदार हैं.

मेहता बताते हैं कि रिलायंस चरणबद्ध तरीके से प्रेट स्टोर को आगे बढ़ाएगा और 2023 के आखिर तक कुछ स्टोर खुल जाएंगे जबकि 2024 से और ज्यादा स्टोर खोले जाएंगे. उन्होंने कहा कि योजनाओं में एयरपोर्ट मुख्य स्थान रखते हैं लेकिन ऑफिस जाने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए शहरों के इर्द-गिर्द भी स्टोर खोले जाएंगे.

वीके/एए (रायटर्स)

Source: DW

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English summary
with a dash of spice reliance and britains pret bet on indias changing tastes
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