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WB गवर्नर C V Ananda Bose को 9 साल की बच्ची ने सिखाई बांग्ला ! BJP-TMC आमने-सामने, विवादों में घिरे राज्यपाल

इस साल 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के अलावा बसंत पंचमी यानी ही सरस्वती पूजा भी हुई। समारोह में शिरकत करने के कारण पश्चिम बंगाल में गवर्नर सीवी आनंद बोस पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है।

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C V Ananda Bose

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल C V Ananda Bose सरस्वती पूजा और राजभवन में आयोजित हाट-ए खारी समारोह (बंगाली वर्णमाला का पहला अक्षर लिखना सीखना) में शामिल हुए। 26 जनवरी के मौके पर गवर्नर की गतिविधि और कार्यक्रमों में उनका शामिल होना राजनीतिक विवाद का कारण बनता जा रहा है। मामला राज्यपाल की भूमिका और धार्मिक समारोह में उनके शामिल होने का है। दिलचस्प है कि उत्तर भारत में सरस्वती को विद्या की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस मौके पर विद्यारंभ या अक्षरारंभ संस्कार की परंपरा रही है। इसी का बांग्ला स्वरूप हाट-ए-खारी है।

गौरतलब है कि सीवी आनंद बोस के पूर्ववर्ती राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को शपथ दिलाई थी। हाट-ए खारी समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाग लिया। बंगाल के भाजपा नेताओं ने इस समारोह को 'नाटक' करार दिया। बतौर राज्यपाल धनखड़ के कार्यकाल को सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता आक्रामक रहते थे। TMC ने राजभवन को "बंगाल में भाजपा का कैंप कार्यालय" तक करार दिया था।

इस बार गवर्नर सीवी बोस की आलोचना भाजपा कर रही है। ऐसे में TMC राज्यपाल के साथ खड़ी दिख रही है। तृणमूल ने भाजपा के हमलों को "राज्यपाल और बंगाली भाषा का अपमान" करार दिया। बता दें कि स्कूली छात्रों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हुए विवाद के बीच राज्यपाल बोस शुक्रवार को दिल्ली रवाना हो गए।

चंदरनागोर सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में हाट-ए-खारी में गवर्नर बोस ने तीसरी कक्षा की छात्रा नौ वर्षीय दीयासीन रॉय के हाथ से बांग्ला भाषा का पहला अक्षर लिखा। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दीयासीन को बोस की गुरु बताया गया। वह इस अवसर के लिए पीली साड़ी पहनकर राजभवन आईं और राज्यपाल ने जब उनके निर्देश पर बंगाली अक्षरों का उच्चारण किया तो नौ वर्षीय बच्ची रोमांचित दिखीं। उन्होंने स्वीकार किया कि 'पहले अक्षर' (first-letter) का उच्चारण करने के लिए मंच पर जाने से पहले वह थोड़ी घबराई हुई थीं, "लेकिन राज्यपाल से डर नहीं लगा क्योंकि वह बहुत सहयोगी लगे।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री के सामने बंगाली वर्णमाला का पहला अक्षर लिखने के बाद रॉय को गुरुदक्षिणा के रूप में लक्ष्मी और गणेश की तस्वीरों वाला चांदी का सिक्का सौंपा। अपने शिक्षक के साथ बोस की बातचीत भोजन और चॉकलेट सहित अन्य उपहारों के साथ समाप्त हुई।

इस समारोह के बारे में सीएम ममता बनर्जी ने कहा, वह बेहद खुश हैं कि बंगाल के राज्यपाल बंगाली सीखने के इच्छुक हैं। बाद में उन्होंने उन्हें ईश्वर चंद्र विद्यासागर द्वारा लिखित बंगाली भाषा की शुरुआती किताब 'बरनापरिचय' (Barnaparichay) की एक प्रति गवर्नर सीवी बोस को भेंट भी की।

राजभवन नि:शुल्क प्राथमिक विद्यालय इकाई I (Raj Bhavan Free Primary School Unit I) के चतुर्थ श्रेणी के दो अन्य बच्चों- सुभोजीत धर और रंजना बिस्वास ने भी समारोह में भाग लिया। इससे बोस को दो महत्वपूर्ण शब्द सीखने में मदद मिली; एक ने उन्हें 'मा' और दूसरे ने धरती (पृथ्वी) का अर्थ सिखाया।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस आयोजन को "नाटक" बताया और कहा कि राज्यपाल "दूसरों की सलाह" पर काम कर रहे हैं। घोष ने कहा, "वह एक शिक्षित व्यक्ति हैं। यह समारोह, जहां तक ​​मुझे पता है, अक्षरों की दुनिया में एक दीक्षा है। राज्यपाल के लिए इस तरह के कार्यक्रम की व्यवस्था करना बहुत बड़ी बात है जो गवर्नर पद के अनुरूप नहीं है। मुझे डर है कि वह दूसरों की सलाह पर कार्य कर रहे हैं। उनका पद संवैधानिक है इसलिए राज्यपाल को ऐसे तुच्छ कार्यक्रमों से ऊपर उठना चाहिए।"

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी इस आयोजन से दूर रहे। आरोप लगाया गया कि उन्हें पीछे की सीट दी गई। ऐसा ही राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी हुआ था। इस तरह शुभेंदु को राज्यपाल और मुख्यमंत्री से टकराव का एक और बिंदु मिल गया।

अधिकारी ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी नदिया में एक जनसभा में 'जय बांग्ला' का नारा लगाया था। 'जय बांग्ला' का नारा तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से जुड़ा है। मुझे नहीं पता कि यह राज्यपाल के पद की गरिमा से मेल खाता है या नहीं। वह शिक्षित हैं, कई भाषाओं को जानते हैं और घटनाओं से भी अवगत हैं। आशा है कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक तरीके से करेंगे। कोई भी उन पर इस तरह से उंगली नहीं उठा सकता।

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भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव कुणाल घोष ने कहा, "इस तरह की टिप्पणी राज्यपाल और बंगाली भाषा का अपमान है। भाजपा राज्यपाल पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह तटस्थ हैं।"

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English summary
Governor C V Ananda Bose haat e khari ceremony bjp vs tmc in west bengal
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