शिंजो आबे के निधन से काशी के लोग मर्माहत, दी गयी श्रद्धांजलि
वाराणसी रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाहर झुकाया गया भारत और जापान का झंडा, शिंजो आबे को दी गयी श्रद्धांजलि
वाराणसी, 9 जुलाई : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की निधन के बाद वाराणसी के लोग भी मर्माहत हैं। शिंजो आबे द्वारा काशी को भेंट किये गये रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाहर शनिवार को काशी के लोग एकत्र हुए और शिंजो आबे की तस्वीरों को लोंगों ने रूद्राक्ष की माला पहनाकर उनके आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना किया। वहीं रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाहर फहराये गये भारत और जापान के राष्ट्रीय ध्वजों को भी झुका दिया गया।
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अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत ने अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया
रुद्राक्ष इंटरनेशल कन्वेंशन सेंटर के बाहर आज काशीवासियों ने जहां शिंजो आबे की आत्मा की शांत्रि के लिये प्रार्थना किया वहीं प्रणाम वंदे मातरम समिति के अध्यक्ष अनूप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के करीबी मित्र शिंजो आबे की हत्या से हम सभी काफी दुखी हैं। शिंजो आबे काशी से विशेष स्नेह रखते थे। यही कारण है कि वर्ष 2015 में जब वे काशी आए थे तो दशाश्वमेंध घाट पर आयोजित होने वाली गंगा आरती में शामिल हुए और पूजापाठ किये। इतना ही नहीं उन्होंने काशीवासियों के लिये रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर उपहार स्वरूप दिया। अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत ने अपना एक बहुत अच्छा दोस्त खो दिया है और उसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। रूद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के बाहर लोगों ने प्रार्थना करने के साथ ही मांग किया कि शिंजो आबे की हत्या करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिले।
नमामि गंगे संस्था द्वारा भी दी गई श्रद्धांजलि
नमामि गंगे संस्था के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि काशी समेत भारत की प्रगति के लिये उनके द्वारा किये गये सहयोग को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। नमामी गंगे की टीम द्वारा दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती कर जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे को श्रद्धांजलि दे गयी।
शुक्रवार
को
501
दीपों
से
लिखा
गया
था
नमन
शुक्रवार
को
सायंकाल
दशाश्वमेध
घाट
पर
होने
वाली
गंगा
आरती
में
भी
जापान
के
पूर्व
पीएम
को
श्रद्धांजलि
दी
गयी
थी।
इस
दौरान
काशी
के
आगमन
के
समय
दशाश्वमेध
घाट
पर
जिस
स्थान
पर
बैठकर
शिंजो
आबे
ने
गंगा
आरती
देखा
था
वहीं
गंगा
सेवा
निधि
द्वारा
501
दीपों
से
नमन
लिख
कर
शिंजो
आबे
को
श्रद्धांजलि
दी
गयी
थी।
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