वाराणसी के दंगल में किसको मिलेगा मौलानाओं का साथ?
वाराणसी से दिल्ली पहुंचने के लिए मोदी के सामने बस एक चुनौती है अरविंद केजरीवाल। कहने का तात्पर्य ये की मोदी को असली चुनौती आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिल सकती है, जिनका समर्थन करने का मन वाराणसी के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बना लिया है।
इकनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक वाराणसी के मुस्लिम मौलानाओं ने केजरीवाल को सपोर्ट करने का फैसला किया है। वाराणसी में मौलानाओं ने स्थानीय स्तर पर बैठक की और आप को समर्थन देने की बात की। मुस्लिम कम्युनिटी में अच्छा रसूख रखने वाले सरदार मकबूल हसन द्वारा आयोजित इस बैठक में तय किया गया कि चुंकि कांग्रेस के अजय राय भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ भरोसेमंद कैंडिडेट नहीं हैं इसलिए वो आप के केजरीवाल के समर्थन कर रहे हैं।
जहां मौलाना बठक कर रहे हैं तो वहीं केजरीवाल के समर्थकों ने रणनीति तैयार की है कि उन्हें मुस्लिम वोटर्स से रूबरू कराया जाए। इसी रणनीति के तहत आप चाहती है कि पिछले चुनाव में भाजपा के कैंडिडेंट मुरली मनोहर जोशी को कांटे की टक्कर दे चुके बीएसपी के मुख्तार अंसारी को चुनाव लड़ने से रोका जाए ताकि वाराणसी के मौलानाओं के पास कोई विकल्प ना बच सकें।
केजरीवाल के समर्थन में आए मुस्लिम धर्मगुरु सपा और बसपा कैंडिडेट्स को भी समर्थन लायक नहीं मान रहे हैं। बीएसपी प्रत्याशी को जहां वे लाइटवेट मान रहे हैं, वहीं मुजफ्फरनगर के दंगों के बाद सपा से उनकी नाराजगी बढ़ी है। ऐसे में वाराणसी में मुस्लिम वोट का सीधा फायदा केजरीवाल को दिख रहा है।