Gyanvapi case: मुस्लिम पक्ष को झटका, मस्जिद में पूजा की अनुमति देने की याचिका पर सुनवाई को तैयार कोर्ट
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर पाए जाने वाले "शिवलिंग" के लिए प्रार्थना की अनुमति देने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के लिए स्थानीय अदालत तैयार हो गई है। जिस याचिका पर सुनवाई के लिए स्थानीय अदालत तैयार हुई है उसमें यह भी मांग की गई है कि मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से प्रतिबंधित कर दिया जाए और इसे हिंदुओं को सौंप दिया जाए। इस याचिका पर एक फास्टट्रैक कोर्ट ने कहा मामला सुनवाई के योग्य है।
मामले
में
वाराणसी
की
अदालत
पहले
से
ही
कर
रही
है
सुनवाई
ज्ञानवापी
मामले
में
वाराणसी
की
एक
और
अदालत
पहले
से
ही
याचिका
पर
सुनवाई
कर
रही
है।
ज्ञानवापी
मस्जिद
प्रतिष्ठित
काशी
विश्वनाथ
मंदिर
के
बगल
में
स्थित
है।
मस्जिद
दशकों
पुराने
एक
मामले
की
वजह
से
कानूनी
विवादों
में
है।
इस
वर्ष
एक
निचली
अदालत
के
आदेश
के
बाद
सर्वेक्षण
के
दौरान
वीडियो
रिकॉर्डिंग
के
समय
एक
शिवलिंग
पाया
गया
था।
यह
शिवलिंग
मस्जिद
के
अंदर
स्थित
एक
तलाब
में
मिला
था।
इस
तलाब
का
इस्तेमाल
मुस्लिम
समुदाय
के
लोग
मस्जिद
में
नामाज
पढ़ने
से
पहले
हाथ-पैर
धुलने
के
लिए
करते
हैं।
वहीं, हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं ने "शिवलिंग" की "वैज्ञानिक जांच" की मांग करते हुए एक याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि इसकी उम्र निर्धारित करना आवश्यक है। महिलाओं की तरफ से दायर याचिका में मस्जिद परिसर के अंदर एक दरगाह पर पूजा करने की अनुमति मांगी है। महिला याचिकाकर्ताओं का दावा है कि मस्जिद के अंदर हिंदू देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां स्थित हैं।
हालांकि, मस्जिद समिति ने वैज्ञानिक जांच पर आपत्ति जताई थी। साथ ही समिति ने यह भी तर्क दिया थी कि मामला मस्जिद के अंदर एक दरगाह पर पूजा करने का था। ऐसे में इसकी संरचना से कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा समिति ने यह भी कहा है हिंदू समुदाय द्वारा जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, वह वास्तव में एक फव्वारा है। ऐसे में इस पर सुनवाई का कोई मतलब नहीं है। हालांकि न्यायधीश की तरफ से मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया गया है।
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