मां-बाप से बिछड़े तीन बच्चों को शिशुगृह में मुस्लिम बनाया, आयोग ने कराई घर वापसी
कोरोना में मां-बाप से बिछुड़े तीन बच्चों का धर्मांतरण कर उन्हें हिन्दू से मुस्लिम बना दिया गया। आधार कार्ड पर उनके नाम भी बदलवाकर शाहरुख, सुहाना व रुखसाना करा दिया गया। राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग में शिकायत के बाद बच्चे अपने मां-बाप का चेहरा देख सके।
कोरोनाकाल में भोपाल के मंडीदीप इलाके में अपने माता-पिता से बिछड़े तीन बच्चों को रायसेन के शिशुगृह गौहरगंज में रखकर उनका धर्मांतरण करा दिया गया। महज 4, 6 और 8 साल के इन तीन बच्चों जिनमें दो बहने व एक भाई है, इनके आधार कार्ड पर शाहरुख, सुहाना व रुखसाना नाम रख दिए गए थे। इनके पिता को इनकी जानकारी लगी, वह लेने पहुंचा तो उसे मिलने नहीं दिया गया। पिछले दिनों राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रियांक कानूनगो दमोह पहुंचे थे, इसी दौरान उनसे शिकायत की गई थी। उनके एक्शन के बाद बच्चे बीते रोज अपने घर पहुंच गए हैं।
जानकारी अनुसार दमोह के दयालु ठाकुर भोपाल के मंडीदीप में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते थे। उनकी पत्नी की मानसिक स्थिति नार्मल नहीं है। उनके तीन बच्चे जिसमें दो बेटियां और एक बेटा तीन साल पहले कोराना काल में अलग-अलग हो गए। बच्चों को काफी तालाश लेकिन बच्चे नहीं मिले। इधर रास्ता भटके तीनों बच्चों को रायसेन जिले के गोदी शिशुगृह गौहरगंज में रखा गया था। पिता को जानकारी लगी, तो वे गौहरगंज पहुुंचे थे, लेकिन शिशुगृह के प्रबंधकों व कर्ताधर्ताओं ने पिता को बच्चों से मिलने ही नहीं दिया था।
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बाल
संरक्षण
अधिकार
आयोग
के
अध्यक्ष
से
की
गई
थी
शिकायत
राष्ट्रीय
बाल
संरक्षण
अधिकार
आयोग
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
डॉ.
प्रियांक
कानूनगो
बीते
दिनों
दमोह
पहुंचे
थे।
दयालु
ठाकुर
ने
अपने
बच्चो
की
सारी
जानकारी
और
घटनाक्रम
को
लेकर
उनसे
लिखित
में
शिकायत
दर्ज
कराई
थी।
मामले
की
गंभीरता
को
समझते
हुए
दूसरे
दिन
ही
वे
रायसेन
जिले
के
गौहरगंज
स्थित
गोदी
शिशुगृह
पहुंचे
और
बच्चों
से
मिले
थे।
उन्होंने
महिला
बाल
विकास
विभाग
के
अधिकारी
को
बच्चों
की
सामाजिक
रिर्पोट
एसआईआर
पेश
करने
के
निर्देश
दिए
थे।
इसमें
बच्चों
के
माता-पिता
के
हिन्दू
होने
की
जानकारी
लगी
थी।
जिसके
बाद
कानूनी
रुप
से
इन
बच्चों
को
सरकारी
अधिकारी
दमोह
लेकर
आए
और
बाकायदा
हिन्दू
रीति-रिवाज
से
बच्चों
को
उनके
पिता
के
सुपुर्द
किया
गया
है।