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पूर्व सीएम हरीश रावत ने किसे कहा सांप और नेवला, क्या है बयान के सियासी मायने

पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरक सिंह को फोन कर कहा आपदा में तो सांप और नेवला भी एक हो जाते हैं, आप तो मेरे भाई हैं

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देहरादून, 25 अक्टूबर। उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। बीते दिनों में जिस तरह से 2017 चुनाव से पहले एक दूसरे के धुर विरोधी रहे पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच बातचीत हुई है। उससे दोनों के ह्रदय परिवर्तन होने के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को फोन कर कहा है कि आपदा में तो सांप और नेवला भी एक हो जाते हैं, आप तो मेरे भाई हैं। इस बातचीत के बाद उत्तराखंड में एक बार​ फिर हरक और हरीश के एक होने के चर्चे शुरू हो गए हैं।

आपदा के बहाने हुई बातचीत

आपदा के बहाने हुई बातचीत

रविवार को पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ रामनगर के आपदाग्रस्त चुकुम गांव में राहत और बचाव कार्य को लेकर पहुुंचे थे। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान गणेश गोदियाल ने हरीश रावत की फोन पर बातचीत कराई। मामला वन विभाग से जुड़ा होने के कारण हरीश रावत ने हरक से बातचीत की। हरीश रावत ने फोन लेते ही कहा कि आपदा में तो सांप और नेवला भी एक हो जाते हैं, आप तो मेरे भाई हैं। इसके बाद से वीडियो जमकर वायरल हो गया। एक दिन पहले ही हरक सिंह रावत ने कहा था कि हरीश रावत भी उन्हें कोई काम कहेंगे तो वे करेंगे। हरक के बयान के तुरंत बाद हरीश रावत के इस बातचीत ने सियासी ​गलियारों में हड़कंप मचा दिया। साथ ही ये भी चर्चा शुरू हो गई कि आखिर सांप कौन है और नेवला कौन है। सोमवार को हरीश रावत से मीडिया ने भी जब इस प्रकरण को लेकर सवाल किए, तो वे टाल गए।

हरक सिंह के भी बदले सुर

हरक सिंह के भी बदले सुर

हाल ही में हरक सिंह रावत ने भी हरीश रावत को अपना बड़ा भाई कहकर संबोधित किया। साथ ही माफी मांगने के साथ ही 7 खून माफ करने की बात की। जिसके बाद से हरक सिंह और हरीश रावत के बीच चल रहे सियासी जंग के रिश्ते सुधरने की चर्चा होने लगी। इससे पहले बयानों में हरक सिंह, हरीश रावत को लेकर लगातार मोर्चा खोले हुए थे। जिसके बाद भाजपा हाईकमान भी हरक सिंह के इस तेवर का चुनाव में हरीश रावत के खिलाफ इस्तेमाल करने को लेकर भी विचार करने की सोचने लगी। चर्चा तो हरक सिंह को चुनाव अभियान कमान सौंपने की तक होने लगी। लेकिन हरक सिंह के हरीश रावत को लेकर बदले सुर अब भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जिसका असर आने वाले दिनों में दिखना तय है।

हरीश के खिलाफ बगावत कर चुके हैं हरक

हरीश के खिलाफ बगावत कर चुके हैं हरक

पूर्व सीएम हरीश रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच सियासी जंग 2017 के चुनाव से पहले हुआ, जब सीएम रहते हरीश रावत के खिलाफ हरक सिंह ने बगावत की। उस समय हरक सिंह रावत ही बगावत के सूत्रधार माने जाते रहे। इस बीच हरक सिंह भाजपा में आकर चुनाव जीते और कैबिनेट मंत्री बन गए। पूर्व मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी के बाद हरक सिंह और उमेश शर्मा के कांग्रेस में जाने की चर्चा तेज हो गई। हालांकि अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इस बीच बागियों को लेकर हरीश रावत ने सोशल मीडिया में मोर्चा खोल दिया। हरीश रावत ने बागियों की एंट्री न होने के लिए हर कोशिश न करने की बात की। इशारों-इशारों में उन्होंने हरक सिंह को भी घेरा।

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English summary
Whom did former CM Harish Rawat call snake and mongoose, what is the political meaning of the statement
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