केदारनाथ, बद्रीनाथ के डेवलपमेंट को लेकर पीएम मोदी का ये है विजन, सामने आया रोडमैप
पीएम ने किया वर्चुअल माध्यम से पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा
देहरादून, 22 सितंबर। केदारनाथ धाम के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और आस.पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने पर केन्द्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर फोकस कर रही है। इसके साथ ही बद्रीनाथ धाम में आस.पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना और उसके आस.पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाएगा। ये बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान कही।
केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बद्रीनाथ एवं केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस.पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकीताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस.पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।
माणा आस पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि बद्रीनाथ के साथ ही आस.पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस.पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।
दिसम्बर
2023
तक
सभी
कार्यों
को
पूर्ण
करने
का
लक्ष्य
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
कहा
कि
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
के
मार्गदर्शन
में
बद्रीनाथ
एवं
केदारनाथ
में
पुनर्निर्माण
के
कार्य
तेजी
से
चल
रहे
हैं।
श्रद्धालुओं
की
सुविधा
के
दृष्टिगत
रात
दिन
कार्य
प्रगति
पर
है।
दिसम्बर
2023
तक
सभी
कार्यों
को
पूर्ण
करने
का
लक्ष्य
रखा
गया
है।
इस
साल
अभी
तक
35
लाख
से
अधिक
पंजीकृत
श्रद्धालु
चारधाम
यात्रा
में
आ
चुके
हैं।
केदारनाथ
में
प्रथम
चरण
के
पुनर्निर्माण
कार्य
पूर्ण
मुख्य
सचिव
डॉ
एस
एस
संधु
ने
केदारनाथ
एवं
बद्रीनाथ
के
पुनर्निर्माण
कार्यों
का
प्रस्तुतीकरण
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
केदारनाथ
में
प्रथम
चरण
के
पुनर्निर्माण
कार्य
पूर्ण
हो
चुके
हैं।
द्वितीय
चरण
में
188
करोड़
रूपये
के
21
कार्य
किये
जा
रहे
हैं।
जिनमें
से
03
कार्य
पूर्ण
किये
जा
चुके
हैं,
06
कार्य
दिसम्बर
2022
तक
पूर्ण
हो
जायेंगे।
अवशेष
12
कार्यों
को
जुलाई
2023
तक
पूर्ण
करने
का
लक्ष्य
रखा
गया
है।
गौरीकुण्ड
में
गेट
का
निर्माण
किया
जा
चुका
है।
संगम
घाट
का
कार्य
जून
2023
तक
पूर्ण
किया
जायेगा।
ईशानेश्वर
टेम्पल
का
कार्य
भी
एक
माह
में
पूर्ण
हो
जायेगा।
मास्टर
प्लान
के
अनुसार
सभी
कार्य
दिसम्बर
2023
तक
पूर्ण
किये
जायेंगे।
मुख्य
सचिव
ने
कहा
कि
बद्रीनाथ
में
भी
मास्टर
प्लान
के
अनुसार
तेजी
से
कार्य
हो
रहे
हैं।
शीश
नेत्र
लेक
एवं
बद्रीश
लेक
का
कार्य
03
माह
में
पूर्ण
हो
जायेगा।
रिवर
डेवलपमेंट
प्रोजेक्ट
का
कार्य
जून
2023
तक
पूर्ण
हो
जायेगा।
केदारनाथ
के
लिए
संस्कृति
मंत्रालय
के
तहत
चार
प्रकार
के
कार्य
सचिव
संस्कृति,
भारत
सरकार
गोविन्द
मोहन
ने
प्रस्तुतीकरण
के
माध्यम
से
जानकारी
दी
कि
केदारनाथ
के
लिए
संस्कृति
मंत्रालय
के
तहत
चार
प्रकार
के
कार्य
होने
हैं।
जो
जल्द
शुरू
किये
जायेंगे।
सोनप्रयाग
में
ओरिएंटेशन
सेंटर
की
स्थापना,
रामबाड़ा,
छोटी
लिंचोली,
बड़ी
लिंचोली
एवं
चन्नी
कैंप
में
चिन्तन
स्थल
,ध्यान
स्थल,
केदारनाथ
में
शिव
उद्यान
एवं
केदारनाथ
में
केदार
गाथा
म्यूजियम
का
निर्माण
किया
जायेगा।
इन
सभी
कार्यों
की
पूरी
योजना
बनाकर
तैयारी
कर
ली
गई
है।