उत्तराखंड में काल बनकर आई आपदा, दो दिन बाद भी 13 लोग लापता, जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन और जिदंगी की जंग
उत्तराखंड:आपदा ने जमकर कहर बरपाया, दो दिन बाद 13 लोग लापता
देहरादून, 22 अगस्त। उत्तराखंड में आपदा ने जमकर कहर बरपाया है। शनिवार को देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले में आई आपदा में दो दिन बाद तक 13 लोगों का अब तक पता नहीं चल पाया है। देहरादून के सरखेत और टिहरी के ग्वाड़ गांव में शनिवार से ही एसडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। लेकिन मलबे में दबे लोगों को अब तक नहीं निकाला जा सका है।
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प्राकृतिक आपदा का कहर, जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड में एक बार फिर प्राकृतिक आपदा का कहर देखने को मिला है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आपदाग्रस्त इलाकों में स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जगह- जगह सड़कों और पुल, पुलिया के टूट जाने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियां हो रही है। रायपुर, मालदेवता क्षेत्र में अधिकतर संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। कई जगह आपदा की निशानियां अब साफ नजर आने लगा है। कई घर जमीदोंज हो गए हैं, सड़कों को नदी का सैलाब अपने साथ बहाकर ले गया है। इन जगहों पर एसडीआरएफ या स्थानीय लोगों ने अस्थाई पुलिया या लकड़ी से स्वनिर्मित पुल बनाकर काम चलाऊ व्यवस्था की है।
दो मंजिला घर मलबे के नीचे दब गया, 5 लोगों के दबे होने की आशंका
आपदा के दो दिन बाद भी 13 लोगों केे लापता होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि अब तक आपदा में हुए नुकसान को लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ पाई है। जैसे-जैसे आपदाग्रस्त इलाकों में राहत और बचाव कार्य की टीमें और प्रशासन की टीमें पहुंच रही है, वैसे-वैसे आपदा में हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है। देहरादून के सरखेत में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। बांदल घाटी के सरखेत में अंतिम छोर पर जहां अतिवृष्टि हुई, वहां दो मंजिला घर पूरी मलबे के नीचे दब गया। इसमें 5 लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है।
रायपुर क्षेत्र के बड़ासी पुल के नीचे एक व्यक्ति का शव बरामद
रविवार रात करीब 9 बजे वहां पोकलैन मशीन पहुंची है। जिससे अब रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है। इधर एसडीआरएफ की टीमों ने रविवार को भी कई जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जिसमें रायपुर क्षेत्र के बड़ासी पुल के नीचे एक व्यक्ति का शव बरामद किया है। व्यक्ति की पहचान रायपुर के भगत सिंह कॉलोनी निवासी 42 वर्षीय संजय कुमार के रूप में हुई है।
एसडीआरएफ की टीम का आपदाग्रस्त मालदेवता क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन
एसडीआरएफ की टीम ने आपदाग्रस्त मालदेवता क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन अभियान चलाकर 24 पर्यटकों को निकाला। ये पर्यटक जंगल गदेरा रिजॉर्ट में फंसे थे।मालदेवता क्षेत्र में दिल्ली और पंजाब के पर्यटकों की गाड़ियां फंस गई है। कई गाड़ियां नदी में बहने की भी आशंका है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर के जरिए जरूरी सामग्री पहुंचाई गई। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लापता लोगों के लिए सर्च और रेस्क्यू आपरेशन लगातार जारी है।
दून के मालदेवता, सौंग और बांदल घाटी में बारिश ने भारी तबाही मचाई
देहरादून के मालदेवता, सौंग और बांदल घाटी क्षेत्र में बारिश ने भारी तबाही मचाई। इस कारण मालदेवता, सरखेत, तिमली, मानसिंहवाला, भैंसवाड़ा, सेरकी और छमरोली में नुकसान हुआ। सरखेत से तीन घायलों को एयरलिफ्ट किया गया। यहां पांच लोग लापता हैं। दो पुल बुरी तरह क्षतिगस्त हुए हैं। जबकि, सड़कें जगह-जगह बह गई हैं। राहत और बचाव कार्यों में सेना की भी मदद ली जा रही है। पांच लोग अभी भी लापता हैं। जबकि, 28 पशुओं की मौत हुई।
वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रेस्क्यू ऑपरेशन
एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम द्वारा मालदेवता के आपदाग्रस्त क्षेत्र में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर फंसे हुए पर्यटकों व स्थानीय लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पहुचाया जा रहा है। टिहरी गढ़वाल के आपदाग्रस्त चिपल्डी गांव में सभी सम्पर्क मार्ग टूटने पर एसडीआरएफ ने लगभग आठ किलोमीटर का सफर पैदल राशन किट को लेकर चलकर तय किया गया व नदी के एक छोर से ज़िप लाइन व रोप स्ट्रेचर के माध्यम से राशन को आपदा प्रभावित ग्रामीणों तक पहुंचाया गया।
आपदा के कारण दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया,क्षति का आंकलन स्पष्ट नहीं
आपदा के कारण देहरादून और टिहरी जिले के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया। कुमाल्डा लालपुल होकर टिहरी के कद्दूखाल जाने वाली रोड क्षतिग्रस्त से कई गांवों का आवागमन ठप हो गया। दूसरी ओर सौंग नदी को जोड़ने वाले पुल के पास सड़क क्षतिग्रस्त होने से कई गांव शहर से अलग थलग पड़ गए हैं। प्रशासन अब भी राहत बचाव कार्य पहुंचाने में लगा है। सोमवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। फिलहाल आपदा से हुई क्षति का आंकलन स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मौत और लापता लोगों का स्पष्ट आंकड़ा सामने आने के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।