उत्तराखंड:चारा पत्ती विवाद में कूदी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, पहाड़ की महिलाओं का बताया हक
उत्तराखंड के हेलंग घाटी का चारा पत्ती विवाद, राजनीति शुरू
देहरादून, 26 जुलाई। उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र के हेलंग घाटी का चारा पत्ती विवाद बढ़ता जा रहा है। गैर राजनीतिक संगठनों के विरोध के बाद अब कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी इस प्रकरण में कूद गई हैं। प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार को घेरते हुए इस प्रकरण पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
पहाड़ों
की
घास
पर
बताया
पहाड़
की
महिलाओं
का
हक
प्रियंका
गांधी
ने
इस
प्रकरण
पर
सोशल
मीडिया
के
जरिए
आपत्ति
जताते
हुए
कहा
है
कि
पहाड़ों
की
घास
पर
पहाड़
के
लोगों
को
ही
हक
न
मिलना
सरासर
ज्यादती
है।
उन्होंने
भाजपा
सरकार
को
कठघरे
में
लेते
हुए
कहा
कि
स्थानीय
लोगों
ने
पहाड़ों
की
रक्षा
की
उनको
संवारा
सरकार
उन्हीं
को
उत्तराखंड
के
हेलंग
में
पहाड़
की
घास
काटने
से
रोक
रही
है।
प्रियंका
गांधी
ने
आरोप
लगाया
कि
भाजपा
सरकार
एक
तरफ
आदिवासियों
से
जंगल.जमीन
का
अधिकार
छीन
रही
है
तो
दूसरी
तरफ
पहाड़
पर
रहने
वालों
को
पहाड़ी
प्राकृतिक
संपदाओं
से
वंचित
कर
रही
है।
हेलंग
पहुंचकर
संगठनों
ने
किया
विरोध
15
जुलाई
को
सीमांत
जिले
चमोली
के
हेलंग
में
ग्रामीण
महिलाओं
से
साथ
हुए
चारा
पत्ती
छीनने
के
विवाद
को
लेकर
अब
राष्ट्रीय
स्तर
पर
राजनीति
और
विरोध
शुरू
हो
गया
है।
कांग्रेस
की
राष्ट्रीय
महासचिव
प्रियंका
गांधी
ने
इस
प्रकरण
पर
राज्य
सरकार
को
घेरा
है।
इस
बीच
उत्तराखंड
के
कई
जिलों
से
प्रदर्शनकारियों
ने
हेलंग
जाकर
एकजुटता
दिखाई
है।
जो
कि
अब
1
अगस्त
को
प्रदेशभर
में
आंदोलन
का
ऐलान
कर
चुके
हैं।
प्रदर्शनकारी
और
वरिष्ठ
पत्रकार
त्रिलोचन
भटट
ने
बताया
कि
प्रदेश
के
सभी
जिलों
से
कई
संगठन
के
लोगों
ने
हेलंग
पहुंचकर
इस
घटना
का
विरोध
किया
है।
साथ
ही
जिला
प्रशासन
और
सुरक्षाकर्मियों
पर
भी
कार्रवाई
की
मांग
तेज
हो
गई
है।
बता
दें
कि
सोशल
मीडिया
में
वीडियो
वायरल
होने
और
गैर
राजनीतिक
संगठनों
के
भारी
विरोध
के
बीच
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
हेलंग
में
ग्रामीण
महिलाओं
से
चारा
पत्ती
छीनने
व
उनका
चालान
करने
संबंधी
विवाद
का
संज्ञान
लेते
हुए
गढ़वाल
आयुक्त
सुशील
कुमार
को
विवाद
की
जांच
करने
के
पहले
ही
निर्देश
दिए
हैं।
अब
तक
क्या
हुआ
इस
प्रकरण
से
अब
कई
संगठन
जुड़
गए
हैं,
जो
कि
इसे
पहाड़
की
महिलााओं
के
हक
से
जोड़
रहे
हैं।
दरसल
मामला
15
जुलाई
का
है
आरोप
है
कि
चमोली
के
हेलंग
में
पशुओं
के
लिए
चारा
लेकर
घर
जा
रही
महिला
के
साथ
पुलिस
और
सीआईएसएफ
के
जवानों
की
ओर
से
बदसलूकी
की
गई।
जिसका
वीडियो
वायरल
हो
गया।
इतना
ही
नहीं
चारापत्ती
लेकर
आ
रही
तीन
महिलाओं
को
पुलिस
ने
छह
घंटे
तक
अपने
कब्जे
में
रखा।
इस
दौरान
उन्हें
पुलिस
वाहन
और
थाने
में
बिठाकर
रखा
गया।
और
250
रुपये
का
चालान
कर
छोड़ा।
सोशल
मीडिया
में
आने
के
बाद
जमकर
राजनीति
भी
हुई।
निर्दलीय
विधायक
उमेश
कुमार
ने
मुख्यमंत्री
को
ज्ञापन
सौंपकर
प्रकरण
की
जांच
की
मांग
की।
महिला
कांग्रेस
ने
देहरादून
में
घास
की
गटरी
लेकर
पहाड़ी
वेश
भूषा
में
डीएम
कार्यालय
में
विरोध
किया।
महिला
आयोग
ने
भी
इस
प्रकरण
का
संज्ञान
लिया।
महिला
आयोग
की
अध्यक्ष
कुसुम
कंडवाल
ने
डीएम
चमोली
को
निर्देश
दिए
कि
वे
पूरे
मामले
की
जांच
करें
और
पीड़ितों
से
व्यक्तिगत
रूप
से
मिलकर
उनका
पक्ष
जानें।वन
मंत्री
सुबोध
उनियाल
ने
भी
अपने
विभागीय
स्तर
से
जांच
रिपोर्ट
मांगी
है।
पहाड़
से
लेकर
मैदान
तक
पूरे
मामले
का
विरोध
हुआ
तो
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
जिला
प्रशासन
से
तत्काल
रिपोर्ट
तलब
की।
गढ़वाल
आयुक्त
सुशील
कुमार
को
मामले
की
जांच
करने
के
निर्देश
दिए।
आयुक्त
ने
स्थानीय
प्रशासन
से
मौके
पर
जाकर
रिपोर्ट
मांगी
है।