उत्तराखंड में नए जिलों की मांग पर सीएम धामी का बड़ा बयान, जानिए किन नए जिलों के हैं चर्चे
उत्तराखंड में लंबे समय से चली आ रही नए जिलों की मांग
देहरादून, 31 अगस्त। उत्तराखंड में लंबे समय से चली आ रही नए जिलों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक बयान से दोबारा नई बहस शुरू हो गई है। सीएम ने कहा है कि कुछ ज़िलों के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी प्रस्तावित है जिस पर सरकार विचार कर रही है। इस विषय पर विशुद्ध रूप से जनभावनाओं का आदर किया जाएगा। प्रदेश में 4 नए जिलों की लंबे समय से मांग चल रही है। लेकिन हर बार सियासी दांव पेंच में ये मांग ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है।
वर्ष 2011 से नए जिलों की मांग
उत्तराखंड में 13 जिले हैं। इसके बाद नए जिलों की मांग लंबे समय से उठ रही है। वर्ष 2011 में तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, जो कि पौड़ी गढ़वाल जिले में कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री, अल्मोड़ा जिले में रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले में डीडीहाट को नया जिला बनाने की संस्तुति की गई थी। हालांकि बाद में नए जिलों को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।कांग्रेस सरकार में पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी नए जिलों के गठन के लिए 2016 के बजट में 100 करोड़ की व्यवस्था करने की बात की। हालांकि इसके बाद कांग्रेस में राजनीतिक उठापटक शुरू हुई और 4 जिलों की मांग फिर से ठंडे बस्ते में डाल दी गई। चुनाव से पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने नए जिलों की मांग पर एक नया दांव खेला। हरीश रावत ने 4 जिलों कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट की जगह 9 जिले जिनमें नरेंद्र नगर,काशीपुर, गैरसैंण, वीरोंखाल, खटीमा भी जोड़ दिए।
कुछ
ज़िलों
के
पुनर्गठन
की
प्रक्रिया
प्रस्तावित,
सरकार
विचार
कर
रही
अब
अचानक
से
सीएम
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
नए
जिलों
की
मांग
पर
अपनी
राय
रखी
है।
सीएम
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
कहा
है
कि
हम
अंत्योदय
को
अपना
मंत्र
मान
विकास
की
यात्रा
को
आगे
बढ़ा
रहे
हैं।
इसी
श्रृंखला
में
कुछ
ज़िलों
के
पुनर्गठन
की
प्रक्रिया
भी
प्रस्तावित
है
जिस
पर
सरकार
विचार
कर
रही
है।
इस
विषय
पर
विशुद्ध
रूप
से
जनभावनाओं
का
आदर
किया
जाएगा।
हमारा
संकल्प
है
कि
हम
उत्तराखंड
को
भारत
का
सर्वश्रेष्ठ
प्रदेश
बनाएंगे
और
उत्कृष्ट
उत्तराखंड
का
स्वप्न
निश्चित
ही
साकार
होगा।
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
ने
सीएम
के
नए
जिलों
के
बयान
पर
कहा
है
कि
यदि
जिले
बनाने
वाली
खबर
में
कुछ
सच्चाई
है।
केवल
ध्यान
हटाने
के
लिए
जैसे
यह
शगुफा
छोड़ा
जा
रहा
है
कि
कॉमन
सिविल
कोड,
कोई
कह
रहा
है
भू.कानून
ताकि
जो
चूल्हे
हिल
गई
हैं
भाजपा
की
भर्ती
घोटाले
और
अन्य
घोटालों
से
उससे
ध्यान
हटाया
जा
सके।