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उत्तराखंड में रेगुलर पुलिस में शामिल होंगे ये क्षेत्र, महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए उठाए जाएंगे कड़े कदम

राजस्व पुलिस के क्षेत्र रेगुलर पुलिस में होंगे शामिल

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उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड के बाद राजस्व पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़े उठे हैं। ऐसे में अब राज्य सरकार ऐसे क्षेत्रों को चिह्रिनत कर रेगुलर पुलिस को सौंपने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार ऐसेे क्षेत्रों को पहले शामिल करेगी जहां पिछले कुछ समय में पर्यटन या व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं। मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु ने उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।

Uttarakhand Chief Secretary Dr S S Sandhu revenue police safety women strict steps

जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में शामिल किए जाने के लिए जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटैलिटी का क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हम सभी को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में पर्यटन या व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल किया जाए। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।

मोबाइल ऐप होगा शुरू, काम करने वाली महिला देंगे जानकारी

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कोने में काम करने वाली महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन या अन्य कोई ऐसा सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए जिसमें वह अपनी जानकारी दर्ज कर सके कि वह यहां कार्य कर रही है, ताकि यदि कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सके। मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस को इसमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। उन्होंने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके, साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जो इन महिलाओं से कुछ. कुछ समयांतराल के बाद उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं और उनके परिजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।

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English summary
Natural farmers board will be formed in Uttarakhand, natural farming courses will be started in agricultural universities
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