Kanwar Yatra 2022: शिवभक्तों को महंगी पड़ेगी इस बार यात्रा, कांवड़ियों की जेब पर भारी पड़ेगी महंगाई की मार
कांवड़ और यात्रा में इस्तेमाल होने वाला सामान हुआ महंगा
देहरादून, 4 जुलाई। शिव भक्तों को इस बार कांवड़ यात्रा महंगी पड़ने जा रही है। कांवड़ यात्रा भले ही पैदल होती है। लेकिन इस दौरान कांवड़ियों को गंगा जल लेने और उसे लेकर जाने के लिए कई सामान की आवश्यकता है। इसके साथ ही कांवड़ियों के वस्त्र और डंडे भी अलग होते हैं। जो कि खरीदने के बाद ही कांवड़ यात्रा शुरू हो पाती है। कांवड़ का सामान बेचेने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस बार सामान 20 से 30 परसेंट तक महंगा आ रहा है।
14 जुलाई से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा
14
जुलाई
से
सावन
का
महीना
शुरू
होते
ही
कांवड़
यात्रा
शुरू
हो
रही
है।
जो
कि
12
अगस्त
तक
रहेगा।
इस
दौरान
कांवड़
यात्रा
जारी
रहेगी।
ऐसे
में
कांवड़
यात्रा
को
लेकर
तैयारियां
शुरू
हो
गई
है।
कोविड़
के
कारण
2
साल
बाद
इस
बार
यात्रा
शुरू
हो
रही
है।
ऐसे
में
इस
बार
4
करोड़
तक
कांवड़िये
आने
की
पुलिस
को
उम्मीद
है।
जिसके
लिए
एक
तरफ
पुलिस
प्रशासन
ने
तैयारियां
शुरू
कर
दी
है।
दूसरी
तरफ
व्यापारी
भी
दुकानों
में
कांवड़
का
सामान
रखने
के
लिए
तैयारियां
शुरू
कर
चुके
हैं।
कांवड़
का
सामान
मुख्य
रुप
से
हरिद्वार
में
बिकता
है।
जहां
से
गंगोत्री
के
व्यापारी
भी
सामान
खरीदते
हैं।
हरिद्वार
के
अलावा
छोटा
मोटा
सामान
ऋषिकेश
और
गंगोत्री
से
भी
खरीदे
जा
सकते
हैं।
गंगोत्री
धाम
में
कांवड़
का
सामान
बेचने
वाले
व्यापारी
अनुज
सेमवाल
ने
बताया
कि
वे
हर
बार
कांवड़
यात्रा
में
कांवड़
का
सामान
बेचते
हैं।
इस
बार
भी
गंगोत्री
धाम
में
कांवड़
को
लेकर
तैयारियां
शुरू
हो
गई
है।
लेकिन
इस
बार
कांवड़
का
सामान
महंगा
हो
गया
है।
जिससे
कांवड़
यात्रा
पर
महंगाई
का
असर
दिखना
तय
है।
कांवड़
यात्रा
के
लिए
कांवड़िये
को
झोली,
पिट्ठु,डंडे,नाड़ा,डोरी,गंगाजली,गमछे
और
भोले
की
टी
शर्ट
की
आवश्यकता
होती
है।
जिनके
दाम
इस
बार
20
से
30
रुपए
तक
बढ़
गए
हैं।
कांवड़ यात्रा में सबसे खास होती है कांवड़
कांवड़ यात्रा में सबसे आकर्षक रहती है रंग बिरंगी और सजावटी कांवड़ जो कि कांवड़िये हरिद्वार के ज्वालापुर से ही खरीदते हैं। हर साल इन कांवड़ पर ही सबकी नजर रहती है। हर कांवड़िये अपनी कांवड़ को सबसे आकर्षक बनाने की कोशिश करता है। जिससे वह अलग दिखे। लेकिन इस बार ये कांवड़ भी दो गुनी रेट पर बिक रही हैं। कांवड़ बनाने की सामग्री महंगी होने के कारण कांवड़ के दाम दो गुने तक हो गए हैं। कांवड़ बनाने में बांस, कपड़ा, सजावट का सामान, डंडा, टोकरी, छींका आदि सभी सामग्री की जरुरत पड़ती है। जिस वजह से कारीगर भी इसके मजबूरन ज्यादा दाम वसूल रहे हैं।
ज्वालापुर में ही बनती है कांवड़
हरिद्वार में ज्वालापुर में कई दशकों से कांवड़ बनाने का काम होता है। कांवड़ बनाने वाले कारीगर अपनी कई पीढ़ियों से शिवभक्तों के लिए कांवड़ बनाते आ रहे हैं। 90 फीसदी कारीगर मुस्लिम समाज से संबंध रखते है। 5 से 4 माह पहले कांवड़ का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाता है। कांवड़ 200 रुपए से लेकर 5 हजार तक की बाजार में उपलब्ध रहती थी। जो कि अब 300 से 9 हजार तक बिक रही है। इसकी वजह कांवड़ के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल महंगा मिलना है।
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