Joshimath sinking: प्रभावितों को शिफ्ट करने का ये है धामी सरकार का प्लान 'बी',जानिए जोशीमठ से जुड़े अपडेट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली प्रशासन से प्रभावितों से भराड़ीसैंण शिफ्ट करने के विकल्प पर भी बातचीत करने के निर्देश दिए हैं।
जोशीमठ आपदा प्रभावितों को धामी सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण में भी शिफ्ट करने का विकल्प तैयार कर रही है। इसके लिए भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा हास्टल को चुना गया है। हालांकि ये प्रभावितों की सहमति से ही किया जाएगा। उधर एक बार फिर मौसम जोशीमठ के प्रभावितों और प्रशासन की परीक्षा ले रहा है। बारिश शुरू होने और बर्फबारी की संभावना से एक बार फिर मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही मंगलवार दोपहर को आए भूंकप से भी क्षेत्र में दहशत है।
फाइनल रिपोर्ट का इंतजार
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर राज्य सरकार फाइनल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जिसके बाद विस्थापन और अन्य जरुरी कदम उठाने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। इधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली प्रशासन से प्रभावितों से भराड़ीसैंण शिफ्ट करने के विकल्प पर भी बातचीत करने के निर्देश दिए हैं। उधर सीबीआरआइ ने जोशीमठ में उद्यान विभाग की भूमि पर माडल प्री फेब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण शुरू कर दिया है। एक बार जोशीमठ में दोपहर बाद हल्की बारिश हुई है। होटल माउंट व्यू और मलारी इन के ध्वस्तीकरण का काम जारी है।
पानी का डिस्चार्ज 182 एलपीएम
सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ भू-धंसाव एवं भूस्खलन का अपडेट देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.72 करोड़ रूपये की धनराशि 301 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 182 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 282 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 947 है।
प्री-फेब्रीकेटेड भवनों को निर्माण शुरू
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प्रभावितों के लिए एचडीआरआई के पास उद्यान विभाग की भूमि पर सीबीआरआई रूड़की के सहयोग प्री-फेब्रीकेटेड भवनों को निर्माण शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही जोशीमठ नगर के नीचे निर्माणाधीन हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण शीघ्र शुरू हो सकता है। शासन ने इसकी कसरत शुरू कर दी है। जोशीमठ में वाहनों का दबाव कम करने और सेना की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए 6.50 किमी हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का निर्माण करीब 190 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। लेकिन जोशीमठ में भू-धंवाव की स्थितियां पैदा होने के बाद नगर पालिका क्षेत्र के निर्माणों के साथ ही बाईपास के निर्माण पर 5 जनवरी से रोक लगा दी थी।