पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे के मामले को घोषणा पत्र में शामिल कर कांग्रेस ने चला बड़ा दांव, जानिए क्या है मामला
पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे के मामले को घोषणा पत्र में शामिल कर कांग्रेस ने चला बड़ा दांव
देहरादून, 2 फरवरी। उत्तराखंड में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पुलिसकर्मियों के 4600 ग्रेड पे के मामले को शामिल कर भाजपा पर चुनाव से पहले बड़ा दांव चल दिया है। विधानसभा चुनाव के शंखनाद से पहले उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड और पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे का मामला सबसे ज्यादा गर्माया हुआ था। प्रदेश की धामी सरकार ने चुनाव के ऐलान से पहले देवस्थानम बोर्ड को भंग कर काफी हद तक डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश की लेकिन पुलिसकर्मियों को नाराज कर चुनाव में नुकसान होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। अब कांग्रेस ने बड़ा चुनावी दांव चलकर भाजपा को चुनौती दे डाली है।
सोशल
मीडिया
में
हो
रहा
भाजपा
का
विरोध
लंबे
समय
से
आंदोलनरत
पुलिसकर्मियों
के
ग्रेड
पे
के
मामले
में
कोई
निर्णय
न
हो
पाने
के
कारण
आंदोलन
कर
रहे
परिजनों
ने
चुनाव
में
भाजपा
को
सबक
सिखाने
के
लिए
विरोध
किया
गया।
अब
चुनाव
से
पहले
सोशल
मीडिया
में
भाजपा
का
विरोध
भी
होने
के
मैसेज
वायरल
हो
रहे
हैं।
जिसमें
पुलिसकर्मियों
के
ग्रेड
पे
का
मामला
उठाया
जा
रहा
है।
प्रदेश
में
चुनाव
से
पहले
धामी
सरकार
ने
कई
जनहित
के
फैसले
लेकर
डेमेज
कंट्रोल
करने
की
कोशिशें
तो
की
लेकिन
पुलिसकर्मियों
के
4600
ग्रेड
पे
के
मामले
में
ठोस
निर्णय
न
होने
के
कारण
भाजपा
की
चुनाव
में
मुश्किलें
बढ़
गई
हैं।
राज्य
सरकार
ने
उत्तराखंड
पुलिस
के
सिपाहियों
के
पहले
बैच
को
4600
ग्रेड
पे
की
जगह
दो
लाख
रुपये
एकमुश्त
दिए
जाने
के
आदेश
भी
जारी
किए,
लेकिन
इससे
पुलिसकर्मियों
के
परिजनों
में
खासा
नाराजगी
देखी
गई
है।
पहले
से
आंदोलन
कर
रहे
पुलिसकर्मियों
के
परिजनों
ने
इसे
चुनावी
मुद्दा
बनाने
का
ऐलान
भी
किया।
पुलिसकर्मियों
के
परिजनों
ने
नेता
प्रतिपक्ष
प्रीतम
सिंह,
पूर्व
मुख्यमंत्री
हरीश
रावत
से
मुलाकात
कर
इस
मुद्दे
को
चुनावी
घोषणा
पत्र
में
शामिल
करने
की
मांग
की
थी,
जिसे
अपने
घोषणा
पत्र
में
शामिल
कर
कांग्रेस
ने
अपना
पहला
वादा
निभा
दिया
है।
क्या
है
मामला
पुलिसकर्मियों
के
परिजनों
का
कहना
है
कि
उत्तराखंड
पुलिस
में
सबसे
पहले
वर्ष
2001
में
भर्ती
हुई
थी।
इस
बैच
के
सिपाहियों
को
20
साल
की
सेवा
के
बाद
4600
ग्रेड
पे
दिए
जाने
की
बात
कही
गई
थी।
वर्ष
2021
में
बीस
साल
का
पूरा
होते
ही
सोशल
मीडिया
पर
इसको
लेकर
आंदोलन
शुरू
हुआ।
बाद
में
परिजन
सड़कों
पर
उतर
आए।
आंदोलन
उग्र
होता
देख
अक्तूबर
में
डीजीपी
ने
मांग
को
पूरा
करने
का
आश्वासन
दिया
था।
इसके
बाद
21
अक्तूबर
को
पुलिस
स्मृति
दिवस
पर
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
ने
सितंबर
2021
से
4600
ग्रेड
पे
का
लाभ
देने
की
घोषणा
की,
लेकिन
दो
माह
बाद
भी
शासनादेश
जारी
नहीं
हो
पाया।
जिससे
नाराज
होकर
पुलिसकर्मियों
के
परिजन
फिर
से
आंदोलन
तेज
हो
गया।
बीते
27
दिसंबर
को
डीजीपी
ने
शासन
की
ओर
से
फिर
उन्हें
आश्वासन
दिया
और
कहा
कि
31
दिसंबर
को
कैबिनेट
में
इस
संबंध
में
फैसला
हो
जाएगा।
लेकिन
कैबिनेट
से
मुख्यमंत्री
को
इस
फैसले
के
लिए
अधिकृत
कर
दिया।
आचार
संहिता
लगने
से
पहले
सरकार
ने
दो
लाख
रुपये
एकमुश्त
देने
का
आदेश
जारी
कर
दिया।
जिसके
बाद
परिजन
भड़क
गए
हैं।
इस
आदेश
के
बाद
ये
माना
जा
रहा
है
कि
अब
ग्रेड
पे
के
मामले
में
सरकार
बैकफुट
पर
आ
गई
है।
ऐसे
में
अब
विधानसभा
चुनाव
में
इसका
खामियाजा
भाजपा
को
भुगतना
पड़
सकता
है।
अब
कांग्रेस
ने
इसे
चुनावी
मुद्दा
बनाकर
भाजपा
के
लिए
चुनौती
खड़ी
कर
दी
है।