उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी होंगे भाजपा का 2022 का चेहरा, जानें इसके पीछे की 5 बड़ी वजह
चुनाव प्रभारी प्रह्राद जोशी ने कहा सीएम ही होंगे चुनाव में बीजेपी का चेहरा
देहरादून, 18 सितंबर। उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। लंबे समय से पार्टी के अंदर चल रही खींचतान पर उत्तराखंड के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी प्रह्राद जोशी ने यह घोषणा कर सभी कयासों पर विराम लगा दिया है। करीब 6 माह के लिए बनाए गए सीएम धामी को भाजपा दोबारा सत्ता में आने पर दूसरी पारी देगी। हालांकि चुनाव अभियान की कमान कौन संभालेगा, और चुनाव की रणनीति क्या होगी। इसके लिए भाजपा केन्द्रीय हाईकमान बाद में निर्णय लेगा। लेकिन फिलहाल पार्टी के अंदर चल रही बहस को जोशी ने समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही चुनाव प्रभारी प्रह्राद जोशी ने ये भी ऐलान किया है कि भाजपा का अगला चेहरा पुष्कर सिंह धामी ही होंगें। धामी ने इस मौके पर साफ किया कि वे कभी भी चेहरे की लड़ाई में नहीं रहे हैं। ऐसे में अब भाजपा के अंदर लंबे समय से चल रही खींचतान पर फिलहाल विराम लग गया है। पुष्कर सिंह धामी को चेहरा बनाने और आगे लाने के पीछे बीजेपी की रणनीति क्या है, इसके पीछे की 5 बड़ी वजह के बारे में जानते हैं।
युवा चेहरा
भाजपा शासित राज्यों में पार्टी नए प्रयोग करने में जुटी है। इसके लिए पार्टी नए और युवा चेहरों पर दांव खेल रही है। पुष्कर सिंह धामी 46 वर्ष में उत्तराखंड के सबसे युवा सीएम बने हैं। युवा चेहरे को लेकर ही बीजेपी विधानसभा चुनाव में जा रही है। इससे युवाओं के बीच सही मैसेज देने की कोशिश की जाएगी। जिससे आने वाले समय में भी भाजपा को उत्तराखंड में किसी तरह की कोई समीकरण पर फोकस करने की जरुरत भी नहीं होगी।
तराई का फेस
सीएम पुष्कर सिंह धामी तराई क्षेत्र खटीमा से आते हैं। उत्तराखंड में सभी राजनैतिक दल तराई क्षेत्र पर फोकस कर रहे हैं। किसान आंदोलन से बदले समीकरण हों या फिर तराई क्षेत्र में बदलता जनसंख्या और परिसीमन का असर। इन सभी समीकरणों में पुष्कर सिंह धामी फिट बैठते हैं। इस तरह से भाजपा कांग्रेस और आप को चुनावी मुद्दों पर घेरने से बच सकते हैं।
बेदाग छवि, सर्वमान्य चेहरा
सीएम बनने के बाद से पुष्कर सिंह धामी बहुत कम समय में भाजपा के लिए बड़ा चेहरा बनते जा रहे हैं। धामी की छवि अब तक पूरी तरह से बेदाग है। वे किसी तरह की बयानबाजी से भी दूर रहते हैं। इस वजह से वे सभी विधायकों के लिए चेहरा बन चुके हैं, जो कि सभी स्वीकार करने लगे हैं।
कोश्यारी के करीबी, हाईकमान की पसंद
पुष्कर सिंह धामी को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का ही हाथ माना जाता है। वे कोश्यारी के सबसे करीबी नेताओं में शामिल हैं। कोश्यारी ही उत्तराखंड की राजनीति में इस समय बड़ा चेहरा हैं जिनके सुझाव और सलाहों पर भाजपा काम भी कर रही है। ऐसे में धामी के साथ कोश्यारी का हाथ होने से वे हाईकमान की पंसद बन गए हैं।
दावेदारी और विवाद पर विराम
त्रिवेंद्र सिंह और तीरथ सिंह के सीएम पद से हटने के बाद भाजपा के कई विधायक रेस में रहे। लेकिन जिस तरह से धामी को सीएम बनाकर भाजपा ने सबको चौंकाया। इसके बाद से सीएम के लिए चल रही लड़ाई खत्म हो गई है। भाजपा ने ऐसे सभी चेहरों को भी धामी के आने के बाद ये संदेश दिया है कि सीएम पद को लेकर अब किसी तरह की दावेदारी नहीं होगी, नहीं कोई विवाद होगा।