चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने कही बड़ी बात, युवाओं से भी अपील, विपक्ष का अव्यवस्थाओं को लेकर जारी है हमला
देहरादून, 13 मई। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा राज्य सरकार की तैयारियों और दावों की पोल खोलने लगा है। जिसको लेकर विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर हमलावर है। हालांकि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में दावा किया है कि अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएम ने कहा है कि इनमें से भगदड़ से किसी की मौत नहीं हुई। उन सभी ने पहले से मौजूद चिकित्सा समस्याओं के कारण दम तोड़ दिया। इस बीच सीएम ने युवाओं से एक अपील भी की है कि कतारों में खड़े युवाओं से अनुरोध है कि वे बूढ़े और जरूरतमंदों को कतार में आगे बढ़ने दें।

सभी लोगों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने की अपील
3 मई से शुुरू हुई चारधाम यात्रा में इस बार 10 दिन में ही सारे रिकॉर्ड टूट गए है। जिससे अब धामों में अव्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का उत्तराखंड सरकार की ओर से पूरा ध्यान भी रखा जा रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी लोगों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने की अपील भी की है। चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने बताया कि पहले के समय में वीआईपी श्रेणी के दर्शन होते थे, लेकिन उनकी सरकार इस व्यवस्था को समान रखा है। अब यहां कोई वीआईपी नहीं होगा। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी ने बताया कि प्रशासन और मंत्री चारधाम की व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहे हैं।
कांग्रेस ने सरकार और पर्यटन मंत्री पर उठाए सवाल
चारधाम में अव्यवस्थाओं और मौत के आंकड़ों को लेकर विपक्ष भी हमलावर है। कांग्रेस पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के विदेश दौरे पर भी सवाल खड़े कर चुकी है। साथ ही दो मंत्रियों को धामों की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री क्या मान चुके हैं कि पर्यटन मंत्री चारधाम यात्रा को सुचारु करने में असफल हो गए हैं। यही वजह है कि दो मंत्रियों को अलग-अलग धामों की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा को लेकर व्यवस्था वहां से गड़बड़ाई है, जहां से यात्रा प्रारंभ हो रही है। दूसरा स्थान जहां से यात्रा को व्यवस्थित करना और जिन लोगों को रोका जा रहा है, उनके लिए वैकल्पिक उपाय करने के लिए केदारनाथ में सोनप्रयाग और बदरीनाथ में जोशीमठ एवं आगे गोविंदघाट है। जिन यात्रियों को रोकना पड़ रहा है, उन यात्रियों के लिए शासकीय व्यवस्था होनी चाहिए ताकि उनके ऊपर खर्चे का दबाव न पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान मेडिकल सुविधाएं पहले से ही लचर हैं और इस बार जब यात्रा में अधिक संख्या का अनुमान था तो फिर चिकित्सा व्यवस्थाओं को भी उसी हिसाब से जुटाया जाना चाहिए था। ऋषिकेश में लोगों को समुचित मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है, यदि उन्हें समुचित मार्गदर्शन मिले और सही सूचनाओं का आदान-प्रदान रहे तो स्थिति सुधारी जा सकती थी। पूर्व सीएम ने कहा कि वह आईटीबीपी को जिम्मेदारी देने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एसडीआरएफ का रोल और बढ़ाया जाना चाहिए, यात्रियों को एस्कॉर्ट करने से लेकर धाम में व्यवस्था के संचालन तक के लिए।