Budget 2023: पहाड़ से लेकर मैदान तक महिलाओं को घर चलाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से ये आस
बीते साल में खाने का तेल, सिलेंडर और अन्य घरेलू सामान महंगे हुए हैं। उससे महिलाओं का कहना है कि घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से महिलाओं को खासा उम्मीदें है।
एक फरवरी को आम बजट पेश होने जा रहा है। सभी को बजट से खास उम्मीदें लगी हुई है। लेकिन घर चलाने का जिम्मा चला रही महिलाओं को महिला वित्त मंत्री से खासा उम्मीदें हैं। जिस तरह से बीते साल में खाने का तेल, सिलेंडर और अन्य घरेलू सामान महंगे हुए हैं। उससे महिलाओं का कहना है कि घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से महिलाओं को खासा उम्मीदें है।
घर चलाना बहुत मुश्किल,दूसरे खर्चे कैसे कंट्रोल होंगे
रुद्रप्रयाग की रहने वाली रेखा देवशाली कहती हैं कि किचन का हर सामान दिन प्रतिदिन आसमान छू रहा है। खाने का सामान हो या फिर सिलेंडर जो कि रोज मर्रा की जरुरत होती है, उनके दाम में ही सबसे ज्यादा आसमान छू रहे हैं। ऐसे में घर चलाना बहुत मुश्किल है। पहाड़ में तो इन सामानों के दाम और ज्यादा बढ़ जाते हैं। ट्रांसपोर्ट चार्ज ही इतना जुड़ जाता है कि लोग करें क्या। बच्चों को पढ़ाने के लिए कई बार लोग गांव छोड़कर शहर आजाते हैं लेकिन अब महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। जब रोजमर्रा की चीजें इस तरह बढ़ती जाएंगी तो फिर दूसरे खर्चे कैसे कंट्रोल होंगे।
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दाम कम करने के लिए बड़े कदम उठाने की जरुरत
देहरादून के प्रेमनगर में रहने वाली उषा पुरोहित का कहना है कि आम दनी उस अनुपात में नहीं बढ़ रही है तो महंगाई को आम आदमी कैसे झेल पाएगा। घर का खर्चा चलाने के लिए फिक्स पैसा है, जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है। जिस पर कंट्रोल करना मुश्किल है। हर साल सरकार से महंगाई पर किसी तरह अंकुश लगाने की आस लगाई रहती है। इस बार भी वित्त मंत्री जी से उम्मीद है कि एक महिला होने के नाते वे महिलाओं को कुछ राहत देंगी। घरेलू सामान के दाम कम करने के लिए बड़े कदम उठाने की जरुरत है।
घर का खर्च चलाना भी आम आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा
समाजसेवी व वरिष्ठ अधिवक्ता सुनीता प्रकाश कहती है कि अगर महिला वर्किंग भी हैं तो घर का बजट उन्हीं को देखना होता है। ऐसे में महिलाओं के लिए दोहरी चुनौती है। सेविंग छोड़िए घर का खर्च चलाना भी आम आदमी के लिए मुश्किल होता जा रहा है। सरकार टैक्स कम करे या बढ़ाए लेकिन आम आदमी की जरुरत के जो भी सामान हैं, उन पर कंट्रोल होना बहुत जरुरी है। बीते एक साल में बहुत महंगाई बढ़ी है। सब्जी के दाम से रोज सामना होता है। ऐसे में हर दिन सब्जी खरीदना और घर का बजट संतुलित करना आसान नहीं है। और ये भी भी जानना जरुरी है कि जब किचन का बजट गडबड़ाता है तो हर आदमी की जेब और अन्य खर्चों पर इसका सीधा असर पड़ता है। जिससे पूरा घर का सिस्टम गड़बड़ हो जाता है। वित्त मंत्री तो खुद ही एक महिला हैं, चाहे महिला किसी भी पद पर हो, लेकिन किचन की जिम्मेदारी उसी पर होती है।
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