देवघर में हुए रोपवे हादसे के बाद उत्तराखंड में संचालित सभी रोपवे को लेकर सरकार ने उठाए ये कदम
रोपवे सेफ्टी ऑडिट के लिए सरकार जल्द ही नई एसओपी तैयार करेगी
देहरादून, 19 अप्रैल। झारखंड के देवघर में हुए रोपवे हादसे के बाद अब उत्तराखंड में भी राज्य सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से कई कदम उठाने का निर्णय लिया है। उत्तराखंड में संचालित सभी रोपवे में सुरक्षा मानकों की प्रत्येक छह महीने में जांच करने के अलावा रोपवे सेफ्टी ऑडिट के लिए सरकार जल्द ही नई एसओपी तैयार करेगी। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू ने ब्रिडकुल के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव आरके सुधांशु को रोपवे का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
6
स्थानों
पर
रोपवे,
6
पर
प्रस्तावित
झारखंड
के
देवघर
में
हुए
रोपवे
हादसे
के
बाद
हर
प्रदेश
में
रोपवे
की
सुरक्षा
को
लेकर
सरकारें
जरुरी
इंतजाम
करने
में
जुटे
हैं।
उत्तराखंड
में
पर्यटन
के
लिहाज
से
कई
रोपवे
हैं
और
कई
निर्माणाधीन
हैं।
वर्तमान
में
प्रदेश
के
छह
स्थानों
पर
रोपवे
हैं।
इसमें
औली,
मसूरी,
चंडी
देवी,
मंसा
देवी,
नैनीताल
और
सहस्त्रधारा
में
रोपवे
चल
रहे
हैं।
इसके
अलावा
छह
अन्य
स्थानों
पर
रोपवे
का
निर्माण
प्रस्तावित
है।
प्रदेश
के
पर्यटन
और
धार्मिक
स्थल
पर
पर्यटकों
व
यात्रियों
को
आसानी
से
पहुंचने
के
लिए
सरकार
रोपवे
निर्माण
पर
फोकस
है।
इसके
लिए
सरकार
की
ओर
से
कई
स्थानों
को
रोपवे
से
जोड़ने
की
योजना
है।
गृह मंत्रालय की ओर से भी सुरक्षा मानकों के लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश
जिसमें देहरादून से मसूरी, ऋषिकेश नीलकंठ, केदारनाथ, खरशाली से यमुनोत्री शामिल हैं। देवघर रोपवे हादसे के बाद गृह मंत्रालय की ओर से भी सुरक्षा मानकों के लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश दिए गए। इसके तहत अब प्रदेश सरकार भी रोपवे सेफ्टी ऑडिट के लिए नई एसओपी तैयार करने जा रही है। जिसमें रोपवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियम सख्त किए जाएंगे। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने भी रोपवे की सुरक्षा को सरकार अब प्रत्येक छह महीने में निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें यह देखा जाएगा कि रोपवे में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं। प्रदेश में रोपवे सेफ्टी आडिट के लिए सरकार जल्द ही नई एसओपी तैयार करेगी। प्रदेश में रोपवे संचालन के लिए पहले से रोपवे सेफ्टी आडिट के नियम बने हैं। इसमें रोपवे के लिए लाइसेंस व्यवस्था, संचालन में सुरक्षा मानक निर्धारित हैं।