जनशिकायतों की सुनवाई को लेकर UP की अफसरशाही कैसे छुड़ा रही CM योगी के पसीने, जानिए
लखनऊ, 25 जून: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत पाकर दोबारा सत्ता में आ चुकी है। योगी सरकार जिस तरह से अधिकारियों पर नकेल कसने की कोशिश कर रही है इसकी बानगी सरकार बनने के बाद उस समय दिखाई दी थी जब कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। यहां तक कि लापरवाही की वजह से यूपी के डीजीपी को भी अपनी कुर्सी से हाथ धोने पड़ा था। लेकिन इन सब कदमों के बावजूद क्या योगी अफसरशाही पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। क्योंकि योगी के फरमान के बावजूद कुछ विभागों में शिकायतें 6 साल से लंबित पड़ी हुई हैं।
कई विभागों में लंबित पड़ी हैं सैकड़ों शिकायतें
योगी आदित्यनाथ ने पहली सरकार के दौरान ही जन शिकायतों को निपटाने में हो रही लापरवाही को लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी की हर हाल में जनता की शिकायतों को समय के भीतर सुना जाए। सूत्रों की माने तो केवल राजस्व विभाग में ही 2017 से 186, 2018 की 631 शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई हैं। इसी तरह 2029 में 613 शिकायतें दूर की गई। 2020 के अब तक 936 और और 2021 में 632 शक्तियों का निपटारा नहीं हुआ है। इतनी संख्या में शिकायतों के पूरी न होने में कहीं न कहीं लापरवाही ही सामने आ रही है।
औद्योगिक विकास विभाग में भी पेंडिंग हैं शिकायतें
राजस्व विभाग की तरह ही औद्यौगक विकास विभाग की हालत भी काफी बुरी है। यहां भी 2017 में डाली गईं 18 शिकायतों का निपटारा अभी तक नहीं हो पाया है। इसी तरह 2018 में 30, 2019 और 2020 में 40 शिकायोतो का समधन अभी तक नही हो पाया है। इस विभाग में सबसे पुराना मामला 2017 का पड़ा हुआ है। सीएम योगी के बार बार निर्देश के बादवजूद इतनी संख्या में जन शिकायतों का पेंडिंग रहना अपने आप में एक कहानी बयां करता है।
बेसिक शिक्षा विभाग और शहरी विकास विभाग में भी हालत खराब
यूपी में योगी की सरकार बनने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग भी शिकायतों के निपटारे के मामले में काफी पीछे है। यहां 1 शिकायत 2017 से ही पेंडिंग पड़ी है। 2018 में 52, 2019 में 19, 2020 के 55 और 2021 में 329 शिकायतों का निपटारा अभी तक विभाग नही कर पाया है। 2क्यों दूसरी तरफ देखें तो शहरी विकास विभाग में 2017 से 20, 2019 से 58, 2019 से 87, 2020 में 132 और 2021 के 314 शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं।
UP के अन्य विभागों की भी यही हालत
दरअसल उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने 2017 में यूपी की कमान संभाली थी। उस समय भी योगी ने अधिकारियों से साफतौर से कहा था कि आम जनता की शिकायतों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जाय। हालाकि कानून और जल शक्ति विभाग में भी शिकायतों कि लंबी पेंडेंसी है। ऊंबमेव हालत तब है जब सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार विभागों की मॉनिटरिंग कर हैं। लेकिन ये आंकड़े बताते हैं की अफसरों पर नकेल कसने में वो कितने कामयाब रहे हैं।
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