तो क्या अब राजभर समुदाय को साधकर पूर्वांचल के समीकरण ठीक करेगी BJP ?
लखनऊ, 22 सितंबर: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने हर सहयोगी को संतुष्ट करने की कोशिश में जुटी हुई है। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी ने संजय निषाद से मुलाकात थी जिसके बाद कहा गया था कि सरकार जल्द ही एक प्रस्ताव करेगी जिसमें 18 ओबीसी जातियों को एसटी में शामिल किया जाएगा। इसी कड़ी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सीएम से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद अब अब चर्चा है कि राजभर समुदाय को भी एसटी में शामिल करने के लिए सरकार तैयार हो गई है। राजनीतिक पंडितों की माने तो दरअसल ओम प्रकाश राजभर को साधकर बीजेपी पूर्वांचल में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
बेटे अरविंद राजभर के साथ की योगी से मुलाकात
ओम प्रकाश राजभर ने अपने बेटे अरविंद राजभर के साथ बुधवार को सीएम योगी के साथ मुलाकात की थी। राजभर का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभर समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने की उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है। एसबीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने आदिवासी दर्जे की मांग उठाई। मुख्यमंत्री के सामने राजभर समुदाय ने कहा कि वह उनसे सहमत हैं।
राजभर समाज को एससी में शामिल करने को तैयार है सरकार
राजभर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनसे अपनी मांग का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजने को कहा है। एसबीएसपी अध्यक्ष ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और भर और राजभर समुदायों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने की मांग उठाई. उन्होंने अपने बेटे अरविंद राजभर के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की। दरअसल ओम प्रकाश राजभर को साधकर बीजेपी पूर्वांचल में अपनी स्थिति और मजबूत करना चाहती है।
गरीबों के खिलाफ नहीं होगी कोई कार्रवाई
राजभर ने यह भी कहा कि उन्होंने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के खिलाफ विध्वंस अभियान का मुद्दा उठाया। राजभर ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से 50 साल से अधिक समय से ऐसे क्षेत्रों में रह रहे पिछड़े समुदायों के गरीब लोगों के घरों को बुलडोजर नहीं चलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने तुरंत अपने प्रमुख सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि गरीबों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए।
राजभर ने सपा के साथ मिलकर लड़ा था विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सहयोगी राजभर ने इस साल का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में लड़ा था। हालांकि, परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद उन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी से नाता तोड़ लिया, जिसमें भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल किया। राजभर की पार्टी पहले भाजपा के साथ गठबंधन में थी, लेकिन उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पिछड़े वर्गों के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन छोड़ दिया।
सीएम योगी ने संजय निषाद से भी की थी मुलाकात
दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत 17 जातियों को अधिसूचित करने वाले तीन सरकारी आदेशों को रद्द करने के लगभग एक सप्ताह बाद योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद और राकेश सचान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस दौरान मझवार (मछुआरे) समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। संजय निषाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष भी हैं जो राज्य में भाजपा की सहयोगी है। निषाद ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
राजभर ने पूर्वांचल में बीजेपी का नुकसान किया था
राजभर ने पूर्वांचल में बीजेपी को काफी डेंट पहुंचाया यूपी में हाल ही में सम्पन्न हुए चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया है और खासतौर से पूर्वांचल में। पूर्वांचल के आंकडों पर गौर करें तो लगभग आधा दर्जन जिलों में बीजेपी की स्थिति काफी कमजोर हुई है। खासतौर से राजभरों का वोट बीजेपी को नहीं मिलने से गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, बलिया, आजमगढ़ समेत दर्जनभर जिलों में बीजेपी को करीब 25 से 30 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। अब बीजेपी ने चुनाव में जीत के बाद भी 2024 में मोदी को पीएम बनाने के लिए राजभर को साधने की कवायद शुरू कर दी है।
राजभर को साथ लेना चाहती है बीजेपी
एसबीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा। अब चुनाव में भाजपा के बहुमत से जीतकर उत्तर प्रदेश में सत्ता में लौटने के बाद कहा जा रहा है कि एसबीएसपी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी की संभावना है। ओम प्रकाश राजभर ने कथित तौर पर भाजपा नेताओं अमित शाह से लगभग एक घंटे तक मुलाकात की थी। एसबीएसपी फिर से भाजपा के गठबंधन में शामिल होगी या नहीं, इस पर अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है।
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