यूपी में रिटायर्ड शिक्षकों की भर्ती को योगी सरकार ने दी हरी झंडी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर से प्रदेश में शिक्षकों के खाली पद पर रिटायर्ड शिक्षकों की भर्ती को हरी झंडी दे दी है। सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों मे शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए रिटायर्ड शिक्षकों को हायर करने की अनुमति दे दी है। इसके लिए सरकार ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के वीसी को भर्ती करने की अनुमति दी है और उन्हें कहा है कि भर्ती की प्रक्रिया को नियमानुसार शुरू किया जाए। इसके लिए रिटायर्ड शिक्षकों को भी एक साल के लिए संविदा पर भर्ती किया जा सकता है, शिक्षकों को 70 वर्ष की उम्र तक भर्ती किया जा सकता है।
निर्देश
जारी
इलाहाबाद
स्टेस
यूनिवर्सिटी
के
रजिस्ट्रार
साहब
लाल
मौर्या
ने
बताया
कि
18
जनवरी
को
अडिशनल
चीफ
सेक्रेटरी
संजय
अग्रवाल
ने
इस
बाबत
सभी
विश्वविद्यालयों
को
निर्देश
जारी
कर
दिए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
हमने
भर्ती
की
प्रक्रिया
पहले
ही
शुरू
कर
दी
है,
सरकार
की
खास
अनुमति
के
बाद
रिटायर्ड
शिक्षकों
को
भर्ती
किया
जा
रहा
है,
हम
अगले
शैक्षणिक
सत्र
से
पहले
इन
भर्तियों
को
लागू
करने
के
लिए
तैयार
हैं।
कमेटी
करेगी
चयन
राज्य
सरकार
ने
यह
निर्देश
उच्च
शिक्षा
विभाग
के
अधिकारियों
के
साथ
समीक्षा
बैठक
के
बाद
लिया
है,
इस
बैठक
में
कहा
गया
कि
प्रदेश
के
विश्वविद्यालयों
में
शिक्षकों
की
भारी
कमी
है,
ऐसे
में
इन
खाली
पदों
को
भरने
के
लिए
रिटायर्ड
शिक्षकों
की
भर्ती
की
जानी
चाहिए।
इन
शिक्षकों
की
भर्ती
की
प्रक्रिया
के
लिए
एक
सेलेक्शन
कमेटी
का
गठन
किया
जाएगा,
जिसमे
वीसी
व
संबंधित
कॉलेज
के
चेयरमैन,
रजिस्ट्रार,
फैकल्टी
के
हेड
शामिल
होंगे।
इस
पैनल
द्वारा
सुझावों
के
बाद
शिक्षकों
की
भर्ती
की
जाएगी।
अलग-अलग
होगी
सैलरी
सरकार
के
निर्देश
के
अनुसार
असिस्टैंट
प्रोफेसर
को
हर
लेक्चर
के
लिए
500
रुपए
दिए
जाएंगे
और
उन्हें
महीने
में
25000
रुपए
से
अधिक
नहीं
दिया
जा
सकता
है,
जबकि
एसोसिएट
प्रोफेसर
को
600
प्रति
लेक्चर
दिए
जाएंगे
जबकि
उन्हें
30000
रुपए
से
अधिक
नहीं
दिया
जा
सकता
है,
जबकि
प्रोफेसर
को
प्रति
लेक्चर
700
रुपए
दिए
जाएंगे
उन्हें
35000
रुपए
से
अधिक
नहीं
दिए
जा
सकते
हैं।
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