मंत्री पर भ्रष्टाचार का झूठा आरोप लगाने पर यमुना प्राधिकरण का डीजीएम गिरफ्तार
यमुना एक्सप्रेस वे के डीजीएम को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भ्रष्टाचार के गलत आरोप लगाने की वजह से हुए गिरफ्तार
नई दिल्ली। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवेलेपमेंट अथॉरिटी (येइडा) के डेप्युटी जनरल मैनेजर को मेरठ के डिविजनल कमिश्नर डॉ प्रभात कुमार के आदेश के बाद सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि एके सिंह ने शीर्ष अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गलत आरोप लगाए थे। एके सिंह के पास येइडा के चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार भी था, उनके निर्देश पर पुलिस ने प्रभात कुमार को ग्रेटर नोएडा स्थित प्रशासनिक भवन से गिरफ्तार कर लिया है।
मंत्री तक पर लगाया था आरोप
एके कुमार ने बताया कि प्रभात कुमार को मैंने इसलिए गिरफ्तार करवाया है क्योंकि उन्होंने शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गलत आरोप लगा थे, उन्होंने उद्योग मंत्री सतीश महाना, मेरे और अन्य अधिकारियों के खिलाफ गलत आरोप लगाए थे। हमने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि एके सिंह ही हमारे खिलाफ फर्जी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले हैं। प्रभात कुमार ने बताया कि जांच में यह बात साफ हुई है कि यह आरोप गलत हैं, एके सिंह ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया ताकि उनका ट्रांसफर ना हो और वह अपने पद पर बने रहें।
कई
अहम
प्रोजक्ट्स
की
थी
जिम्मेदारी
आपको
बता
दें
कि
एके
सिंह
कई
प्रोजेक्ट्स
पर
काम
कर
रहे
थे,
इसमें
सड़क,
किफायती
घर,
पार्क,
यमुना
एक्सप्रेस
वे
का
विकास
आदि
शामिल
हैं।
पुलिस
अथॉरिटी
के
कार्यालय
सोमवार
को
दोपहर
2
बजे
पहुंची
थी,
इस
वक्त
सिंह
अपने
कार्यालय
में
थे।
प्रभात
कुमार
ने
बताया
कि
मैंने
पुलिस
को
फोन
किया
और
उन्हें
गिरफ्तार
करने
को
कहा
क्योंकि
उन्होंने
गलत
काम
किया
था।
कासना
पुलिस
स्टेशन
के
एसआई
सत्य
प्रकाश
ने
बताया
कि
हमने
एके
सिंह
को
11
अगस्त
को
दर्ज
शिकायत
के
आधार
पर
गिरफ्तार
किया
है,
जिसमें
उनपर
आरोप
है
कि
उन्होंने
गलत
भ्रष्टाचार
के
आरोप
लगाए
हैं,
हम
एके
सिंह
से
कासना
पुलिस
स्टेशन
में
पूछताछ
कर
रहे
हैं।